भारत ने हाल ही में ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
यह परीक्षण स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड (SFC) के नियंत्रण में किया गया जो भारत की परमाणु त्रयी (Nuclear Triad) का महत्वपूर्ण अंग है।
अग्नि-5 मिसाइल के बारे में:
अग्नि-5 एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
ICBM वे मिसाइलें होती हैं जो 5000 किमी से अधिक दूरी तक वार कर सकती हैं।
रेंज :
अग्नि-5 की रेंज 5000-5500 किमी तक मानी जाती है।
इसकी जद में :
पूरा पाकिस्तान
पूरा चीन (बीजिंग, शंघाई सहित)
तुर्की, ग्रीस, इटली जैसे यूरोप के हिस्से
अफ्रीका का बड़ा भाग
इस रेंज से भारत की सामरिक क्षमता एशिया से लेकर यूरोप तक प्रभावी हो जाती है।
अग्नि-5 मिसाइल पारंपरिक विस्फोटक और परमाणु हथियार दोनों ले जा सकती है।
अनुमानित पेलोड क्षमता - 1.5 टन (1500 किग्रा) तक।
इससे भारत को विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध बनाए रखने में मदद मिलती है।
अग्नि-5 का कुल वजन लगभग 50 टन है।
इसकी लंबाई लगभग 17-20 मीटर है।
MIRV तकनीक क्या है ?
MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक किसी एक मिसाइल को कई स्वतंत्र वारहेड्स ले जाने और अलग-अलग लक्ष्यों पर एक साथ प्रहार करने की क्षमता प्रदान करती है।
महत्व :
एक ही मिसाइल से विभिन्न शहरों/सैन्य ठिकानों पर हमला संभव।
दुश्मन की मिसाइल रक्षा प्रणाली को निष्प्रभावी करने में सक्षम।
सामरिक प्रतिरोध को मजबूत करता है।
सामरिक महत्व
चीन और पाकिस्तान पर रणनीतिक बढ़त: अग्नि-5 चीन के हर बड़े शहर और सामरिक ठिकाने को कवर करता है।
रणनीतिक संतुलन : भारत एशिया-यूरोप में शक्ति संतुलन का अहम खिलाड़ी।
परमाणु त्रयी की मजबूती: भारत कीNo First Use (NFU) नीति को विश्वसनीय प्रतिरोध प्रदान करता है।
भूराजनीतिक संदेश : भारत की तकनीकी क्षमता और वैश्विक सामरिक प्रतिष्ठा में वृद्धि।
स्वदेशी तकनीक : आत्मनिर्भर भारत और रक्षा उत्पादन क्षमता का परिचायक।
प्रश्न. अग्नि-5 मिसाइल का हाल ही में परीक्षण कहाँ से किया गया था ?