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वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक

प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी, वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक, WHO, पार्टिकुलेट मैटर(PM)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

संदर्भ- 

शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान की वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) रिपोर्ट, 2023  के अनुसार, वायु प्रदूषण दिल्ली के निवासियों के जीवन को लगभग 12 वर्ष कम कर देता है।

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प्रमुख बिंदु-

  • AQLI जीवन प्रत्याशा पर पार्टिकुलेट प्रदूषण के प्रभाव को मापता है। 
  • 29 अगस्त को जारी रिपोर्ट जीवन प्रत्याशा पर इसके प्रभाव को निर्धारित करने के लिए 2021 के पार्टिकुलेट मैटर (PM)  डेटा पर आधारित है।
  • 2021 में दिल्ली का वार्षिक औसत PM2.5 स्तर 126.5 µg/m³ पाया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दिशानिर्देश से 25 गुना से अधिक है। 
  • 2020 में यह आंकड़ा थोड़ा कम 107 µg/m3 पाया गया था।
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत की तरह दक्षिण एशिया में भी PM2.5 के स्तर में बढ़ोतरी देखी गई है।
  • दक्षिण एशिया में, कण प्रदूषण 2013 से 2021 तक 9.7 प्रतिशत बढ़ गया है। (भारत में, PM2.5 का स्तर 9.5 प्रतिशत बढ़ गया; पाकिस्तान में 8.8 प्रतिशत; और बांग्लादेश में इसी समय अंतराल में स्तर 12.4 प्रतिशत बढ़ गया।)
  • उपग्रहों से प्राप्त 2021 के PM2.5 डेटा के अनुसार, भारत में प्रदूषण 2020 में 56.2   µg/m³  से बढ़कर 2021 में 58.7 µg/m3 हो गया है। यह WHO दिशानिर्देश 5 µg/m³ से 10 गुना से अधिक है। (भारत का अपना मानक 40 µg/m³ है।)
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि PM प्रदूषण भारत में जीवन प्रत्याशा को कम करने, हृदय रोगों को मात देने और बाल एवं मातृ कुपोषण के मामले में मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
  • कणीय प्रदूषण औसत भारतीय के जीवन से 5.3 वर्ष कम कर देता है।
  • हृदय रोगों से जीवन प्रत्याशा लगभग 4.5 वर्ष कम हो जाती है, और बाल और मातृ कुपोषण से जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष कम हो जाती है।
  • यह रिपोर्ट भारत के उत्तरी मैदानी इलाकों को देश के सबसे प्रदूषित क्षेत्र के रूप में पहचानती है, जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर औसत निवासी लगभग 8 साल की जीवन प्रत्याशा खो सकता है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, भारत सरकार ने अपने एनसीएपी (राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम) लक्ष्य को नया रूप दिया, जिसका लक्ष्य 131 गैर-प्राप्ति शहरों में 2026 तक कण प्रदूषण स्तर में 40 प्रतिशत की कमी हासिल करना है।

पार्टिकुलेट मैटर(PM)-

  • हवा में निलंबित सूक्ष्म या नैनो-कण होते हैं।
  • ये अस्थिर, अर्ध-वाष्पशील, गैर-वाष्पशील, तरल या ठोस हो सकते हैं।
  • ये कण श्वसन के माध्यम से हमारे फेफड़ों में प्रवेश करने की क्षमता रखते हैं और फिर रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं।

PM 2.5 और पीएम PM10 का मतलब-

PM का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर, जो हवा के अंदर मौजूद सूक्ष्म कणों को मापते हैं।  2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को दर्शातें हैं। यानी पार्टिकुलेट मैटर (PM) का आंकड़ा जितना कम होगा, हवा में मौजूद कण उतने ही छोटे होते हैं।

प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की जाती है।
  2. AQLI जीवन प्रत्याशा पर पार्टिकुलेट प्रदूषण के प्रभाव को मापता है। 

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों 

(d) न 1 और ना ही 2 

उत्तर - (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - भारत में पार्टिकुलेट मैटर (PM) के उच्च स्तर से स्वास्थ्य पर अधिक जोखिम का सामना कर पड़ सकता है। विश्लेषण कीजिए।

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