New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

एंबिपोलर विद्युत क्षेत्र

प्रारंभिक परीक्षा

(सामान्य विज्ञान)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष)

संदर्भ

नासा के एंड्योरेंस मिशन द्वारा एकत्र किये हुए डाटा के माध्यम से पृथ्वी पर एक अदृश्य विद्युत क्षेत्र के अस्तित्व की पुष्टि की गयी है। इसे एंबिपोलर विद्युत क्षेत्र (Ambipolar Field) या उभयध्रुवीय विद्युत क्षेत्र कहा गया है। 

क्या है एंबिपोलर विद्युत क्षेत्र 

नासा के अनुसार, एंबिपोलर विद्युत क्षेत्र ‘ध्रुवीय वायु’ का एक प्रमुख चालक है, जो पृथ्वी के ध्रुवों के ऊपर अंतरिक्ष में आवेशित कणों का एक स्थिर प्रवाह है। यह विद्युत क्षेत्र हमारे ऊपरी वायुमंडल में आवेशित कणों को अधिक ऊँचाई तक ले जाता है, जहाँ वे अन्यथा नहीं पहुँच पाते हैं।

खोज की पृष्ठभूमि 

  • इस क्षेत्र की परिकल्पना सर्वप्रथम 60 वर्ष से भी पहले की गई थी। वर्ष 1968 में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी घटना देखी जिससे उन्हें यह विश्वास हो गया कि चुंबकीय क्षेत्र एवं गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के अतिरिक्त ऊर्जा का एक तीसरा क्षेत्र भी मौजूद है। 
  • शोधकर्ताओं के एक समूह ने परिकल्पना की कि सतह से लगभग 150 मील (250 किमी.) ऊपर कहीं एक विद्युत क्षेत्र हो सकता है, जो कणों को वायुमंडल से बाहर खींच रहा था। इतनी ऊँचाई पर परमाणु ऋणात्मक रूप से आवेशित इलेक्ट्रॉनों और धनात्मक रूप से आवेशित आयनों में टूटने लगते हैं। 
    • चूँकि आयन इलेक्ट्रॉन से भारी होते हैं, इसलिए इन्हें पृथ्वी की सतह की ओर आना चाहिए जबकि इसके विपरीत वे आवेशित होते हैं और एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। 
    • यह विद्युत क्षेत्र उन्हें एक साथ बांधता है और उन्हें अलग भी करता है। इसलिए इसका नाम एंबिपोलर है, जिसमें आयन नीचे की ओर खींचते हैं और इलेक्ट्रॉन ऊपर की ओर खींचते हैं। 

खोज के निहितार्थ 

  • नासा ने जिस अदृश्य विद्युत क्षेत्र का पता लगाया है वह ग्रहों के वायुमंडल को समझने के लिए नए मार्ग प्रशस्त करता है।
  • इससे वायुमंडल की जटिल गतिविधियों एवं विकास को समझने से पृथ्वी के इतिहास के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ अन्य ग्रहों के रहस्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है और यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि कौन से ग्रह जीवन के लिए अनुकूल हो सकते हैं। 
  • शोधकर्ताओं के अनुसार, यह एक कन्वेयर बेल्ट की तरह है, जो वायुमंडल को अंतरिक्ष में ऊपर उठा रहा है।
  • गुरुत्वाकर्षण एवं चुंबकत्व के साथ-साथ हमारे ग्रह के मूलभूत ऊर्जा क्षेत्र के रूप में एंबिपोलर क्षेत्र ने वायुमंडल के विकास को लगातार आकार दिया है, जिस पर वैज्ञानिकों द्वारा नयी खोज शुरू की जा सकती है। 
  • चूँकि यह क्षेत्र वायुमंडल की आंतरिक गतिशीलता द्वारा निर्मित होता है, इसलिए शुक्र एवं मंगल सहित अन्य ग्रहों पर भी इसी तरह के विद्युत क्षेत्र मौजूद होने की संभावना है।

एंड्यूरेंस मिशन

  • वर्ष 2022 में नासा द्वारा इस अदृश्य विद्युत् क्षेत्र का पता लगाने के लिए एंड्यूरेंस मिशन को लॉन्च किया गया था। 
  • यह सतह से 768.03 किमी. (477.23 मील) की ऊँचाई पर पहुँचा और डाटा एकत्र किया।
  • इसने विद्युत क्षमता में 0.55 वोल्ट के परिवर्तन का सफलतापूर्वक पता लगाया, जो इस उभयध्रुवीय क्षेत्र के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त था।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X