New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

धर्मांतरण रोधी विधेयक

चर्चा में क्यों

हाल ही में, कर्नाटक विधान परिषद में ‘कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक, 2021’ से पारित कर दिया।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि इस विधेयक को विगत वर्ष दिसंबर माह में राज्य विधानसभा ने पारित कर दिया था।
  • मई 2022 में कर्नाटक ने इस धर्मांतरण रोधी कानून के लिये एक अध्यादेश पारित किया था।

विधेयक के प्रावधान

  • इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को गलत बयानी करके या बहला करके, बलपूर्वक, जबरन और लालच के माध्यम से या किसी अन्य अन्य विधि द्वारा धर्म परिवर्तन के लिये न तो उकसाएगा और न ही ऐसा करने की कोई साजिश करेगा।
  • धर्मांतरण एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है। इस अधिनियम के उल्लंघन की स्थिति में कारावास और अर्थ दंड का प्रावधान है। इसके अनुसार- 
    • सामान्य स्थिति में 3-5 वर्ष के कारावास या 25,000 रूपए के जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है।
    • जबकि नाबालिगों, महिलाओं तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसी व्यक्ति के धर्मांतरण की स्थिति में 3-10 वर्ष के कारावास या 50,000 रूपए का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है।
  • इस विधेयक के अनुसार, धर्मांतरण की शिकायत परिवार के सदस्यों या संबंधियों या संबंधित संस्था में किसी भी व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई जा सकती है।
  • यह विधेयक तत्काल अपने पूर्व धर्म में पुन: धर्मांतरित हो जाने की स्थिति में उस व्यक्ति को छूट प्रदान करता है क्योंकि इसे धर्मांतरण नहीं माना जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि अब तक ऐसे कानून ओड़िसा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश,  झारखण्ड, उत्तराखंड और तमिलनाडु द्वारा पारित किये जा चुके हैं। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR