New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

आर्टेमिस समझौता

संदर्भ

  • हाल ही में स्वीडन ने जिम्मेदार अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को रेखांकित करते हुए आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किया है। 
  • स्वीडन इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 38वाँ देश है, इससे पहले स्विट्जरलैंड 37वाँ देश था।

आर्टेमिस समझौता के बारे में

  • आर्टेमिस समझौता 21वीं सदी में नागरिक अंतरिक्ष अन्वेषण और उपयोग का मार्गदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किए गए सिद्धांतों का एक गैर-बाध्यकारी सेट हैं।
  • ये सिद्धांत एक सुरक्षित और पूर्वानुमानित बाहरी अंतरिक्ष वातावरण के रखरखाव को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।

     गठन एवं सदस्य

  • आर्टेमिस समझौते की स्थापना वर्ष 2020 में नासा और अमेरिकी विदेश विभाग के सह-नेतृत्व में की गई थी। 
  • इसके सात अन्य संस्थापक सदस्य देश हैं- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्ज़मबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम।
  • अप्रैल 2024 तक, भारत सहित इसके 38 हस्ताक्षरकर्ता हैं।

ARTEMIS

आर्टेमिस समझौते के प्रमुख सिद्धांत

  • अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण अन्वेषण: राष्ट्र इस बात पर सहमत हैं कि आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत संचालित सभी गतिविधियाँ अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए की जानी चाहिए।
  • पारदर्शिता: आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता देशों को अपनी गतिविधियाँ पारदर्शी तरीके से चलानी चाहिए और ये देश वैज्ञानिक जानकारी को सार्वजनिक रूप से जारी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं साथ ही इनसे आपसी समन्वय के माध्यम से कार्य करने की अपेक्षा की जाती है।
  • अंतरसंचालनीयता: हस्ताक्षरकर्ता राष्ट्रों को उन प्रणालियों को विकसित करने और समर्थन प्रदान करने का लक्ष्य रखना चाहिए जो मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ मिलकर काम कर सकें। 
  • आपातकालीन सहायता: हस्ताक्षरकर्ता राष्ट्र बाहरी अंतरिक्ष में संकटग्रस्त अंतरिक्ष यात्रियों और कर्मियों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • अंतरिक्ष वस्तुओं का पंजीकरण: आर्टेमिस में भाग लेने वाले राष्ट्रों को यह निर्धारित करना चाहिए कि उनमें से किसे किसी प्रासंगिक अंतरिक्ष वस्तु को पंजीकृत करना चाहिए।
  • विरासत का संरक्षण: समझौते पर हस्ताक्षरकर्ताओं ने मानवता की बाहरी अंतरिक्ष विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इसमें ऐतिहासिक महत्व वाले स्थल जैसे मानव या रोबोटिक लैंडिंग स्थल, कलाकृतियाँ, अंतरिक्ष यान और अन्य खगोलीय पिंडों पर गतिविधि के अन्य साक्ष्य शामिल हैं।
  • अंतरिक्ष संसाधन: समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले पुष्टि करते हैं कि खगोलीय पिंडों से अंतरिक्ष संसाधनों को निकालना और उनका उपयोग करना सुरक्षित व टिकाऊ अंतरिक्ष अन्वेषण का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण है। वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव, जनता और वैज्ञानिक समुदाय को अंतरिक्ष संसाधन निष्कर्षण गतिविधियों के बारे में सूचित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
  • संघर्ष की समाप्ति: आर्टेमिस समझौते के राष्ट्र हानिकारक हस्तक्षेप को रोकने और उचित सम्मान के सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें उन क्षेत्रों के साथ तथाकथित "सुरक्षा क्षेत्रों" की स्थापना भी शामिल है जो देशों के बीच स्थापित किए जा सकते हैं और जिन्हें प्रासंगिक संचालन बंद होने पर समाप्त किया जा सकता है।
  • कक्षीय कचरा: समझौते के हस्ताक्षरकर्ता इस बात पर भी सहमत हैं कि उन्हें नए दीर्घकालिक या हानिकारक मलबे की पीढ़ी को सीमित करना चाहिए। इसमें ऑपरेशन के बाद के चरण में अंतरिक्ष संरचनाओं का सुरक्षित निपटान शामिल है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR