प्रारम्भिक परीक्षा – भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध, कोकोस द्वीप समूह  मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2  | 
 
चर्चा में क्यों 
भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के विमानों ने ऑस्ट्रेलिया के कोकोस (कीलिंग) द्वीप (CKI) का दौरा किया।

प्रमुख बिंदु 
- भारतीय नौसेना के डोर्नियर समुद्री गश्ती विमान और भारतीय वायु सेना IAF C-130 परिवहन विमान ने दक्षिणी हिंद महासागर में ऑस्ट्रेलिया के कोकोस (कीलिंग) द्वीप (CKI) का दौरा किया।
 
-  इस दौरे का उद्देश्य भारत की सैन्य पहुंच का विस्तार करना और ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरसंचालनीयता (interoperability)  को बढ़ाना है।
 
- भारत का लक्ष्य क्षेत्र में अंतरसंचालनीयता को गहरा करते हुए अपनी सैन्य-से-सैन्य भागीदारी को बढ़ाना है।
 
- विमान करीब एक सप्ताह तक कोकोस द्वीप पर थे, जो भारतीय सेना के लिए ईंधन भरने और परिचालन में बदलाव के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हो सकता है
 
- कोकोस और क्रिश्चियन द्वीपों तक भारत की पहुंच से नौसेना को हिंद महासागर में गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
 
कोकोस द्वीप समूह
- यह ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच में है तथा इंडोनेशियाई द्वीप सुमात्रा के करीब है।
 
- इन द्वीपों की खोज 1609 में ब्रिटिश समुद्री कप्तान विलियम कीलिंग ने की थी।
 
- इस द्वीप में 27 प्रवाल द्वीपों से बने दो एटोल हैं ।
 
- CKI एक ऑस्ट्रेलिया का बाहरी क्षेत्र (Australian external territory) है जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में पर्थ से लगभग 3,000 किमी उत्तर-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित है।
 
भारत के लिए कोकोस (कीलिंग) द्वीप समूह का रणनीतिक महत्व 
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2020 में एक पारस्परिक रसद सहायता समझौते पर हस्ताक्षर किए, और दोनों नौसेनाओं ने अगस्त 2021 में 'भारत-ऑस्ट्रेलिया नौसेना से नौसेना संबंध के लिए संयुक्त मार्गदर्शन' दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।
 
- सीकेआई को भारतीय सेना के लिए ईंधन भरने और परिचालन में बदलाव के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में देखा जाता है।
 
- यह सीकेआई को ऑस्ट्रेलिया और भारत द्वारा संयुक्त हवाई निगरानी के लिए एक मंच के रूप में स्थापित करता है।
 
- दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी हिंद महासागर में  प्रभावी ढंग से निगरानी की जा सकती है।
 
- यह यात्रा भारत की बढ़ती सैन्य-से-सैन्य व्यस्तताओं, क्षेत्र में और विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरसंचालनीयता को मजबूत करने को दर्शाती है।
 
- कोकोस भारतीय सेना के लिए ईंधन भरने और ऑपरेशनल टर्नअराउंड के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हो सकता है।
 
सहयोग से जुड़ी परियोजनाएँ
- सीकेआई  में पहले से ही भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के एक बिंदु के रूप में कार्य हो रहा  है।
 
- अंतरिक्ष गतिविधियों में सहयोग, पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ,नेविगेशन उपग्रह डेटा का उपयोग करके मौसम और जलवायु अध्ययन आदि किया जा रहा  है।
 
 उन्नत निगरानी
- हिंद महासागर में गतिविधियों की निगरानी में सीकेआई और क्रिसमस द्वीप  भारत को रणनीतिक लाभ प्रदान करती हैं ।
 
- भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के विमानों की कोकोस द्वीप की यात्रा ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करती है।
 
- यह  संयुक्त हवाई निगरानी और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की नौसैनिक गतिविधियों की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है।
 
-  यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि दोनों देश हिंद महासागर में एक-दूसरे को अपनी सैन्य सुविधाओं तक पहुंच प्रदान कर रहे हैं।
 
- यह भारत की बढ़ती सैन्य-से-सैन्य गतिविधियों की श्रृंखला में नवीनतम है, जो इस क्षेत्र में और विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापक रूप से अंतरसंचालनीयता को मजबूती प्रदान करता  है।
 
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 प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए  
-  कोकोस द्वीप ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच में स्थित है।
 
- कोकोस द्वीप समूह प्रशांत महासागर में है।
 
 
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ? 
(a) केवल कथन 1  
(b) केवल कथन 2  
(c) 1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1, न ही 2   
उत्तर:(a)   
मुख्य परीक्षा प्रश्न : हिंद महासागर में गतिविधियों की निगरानी में  भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य रणनीतिक भागीदारी पर चर्चा कीजिए। 
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