बैक्टीरियल सेल्यूलोज (Bacterial cellulose) पर किए गए हालिया शोध के निष्कर्षों में कृषि क्षेत्र में इसके नए संभावित अनुप्रयोगों की जानकारी दी गई है। यह शोध साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
शोध के प्रमुख निष्कर्ष
- बैक्टीरियल सेल्यूलोज ग्राफ्टिंग (कलम बांधने) को सुगम बनाने, कटे हुए पौधों की सामग्री को संरक्षित करने तथा प्रयोगशालाओं में विकास माध्यम के रूप में काम करने में उपयोगी हो सकता है।
- इसका उपयोग पौधों में उपचार एवं पुनर्जनन को बेहतर बनाने के लिए बैंडेज या पट्टी (Bandage) के रूप में किया जा सकता है।
- बार्सिलोना स्थित कृषि जीनोमिक्स अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ताओं के अनुसार, बैक्टीरियल सेल्यूलोज पैच संक्रमित पौधों को तेजी से ठीक होने में मदद कर रहे हैं।
- जिन पौधों का उपचार बैक्टीरियल सेल्यूलोज पैच द्वारा किया गया उनकी 80% ग्राफ्टिंग एक सप्ताह में हो गई जबकि उपचारित न किए गए पौधों में 20% से भी कम ग्राफ्टिंग हुई है। ये पैच वानस्पतिक प्रवर्धन (Vegetative Propagation) में भी वृद्धि करते हैं।
- वानस्पतिक प्रवर्धन : इस प्रक्रिया का उपयोग कटिंग का प्रयोग करके आनुवंशिक रूप से समरूप नए पौधे को उगाने के लिए किया जाता है।
बैक्टीरियल सेल्यूलोज के बारे में
- क्या : बैक्टीरियल/माइक्रोबियल सेल्यूलोज (BC) एक प्राकृतिक बहुलक है जो कुछ जीवाणु प्रजातियों के सुरक्षात्मक कोशिका आवरण के रूप में स्रावित होता है।
- माइक्रोबियल सेल्यूलोज़ को शुद्ध सेल्यूलोज़ का स्रोत माना जाता है जिसे आमतौर पर बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषित किया जाता है।
- खोज : इसकी खोज वर्ष 1886 में ए.जे. ब्राउन द्वारा की गई।
- गुण : इसके भौतिक व रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं-
- उच्च यांत्रिक शक्ति
- उच्च जल धारण क्षमता
- उत्कृष्ट जैव-संगतता
- उच्च शुद्धता
- उच्च स्तर की क्रिस्टलीयता (High Degree of Crystallinity)
- जैव-निम्नीकरणीयता
- उत्पादन : बैक्टीरियल सेलुलोज़ का उत्पादन मुख्यत: ग्राम-निगेटिव (Gram-negative) बैक्टीरिया, गैर-रोगजनक (Non-pathogenic) बैक्टीरिया एवं मुक्त-जीवित बैक्टीरिया (Free-living Bacteria) प्रजातियों द्वारा होता है।
- इन प्रजातियों में एसिटोबैक्टर, साल्मोनेला, राइज़ोबियम, अल्कालिजेंस, एग्रोबैक्टीरियम एवं स्यूडोमोनास आदि शामिल हैं।
- ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया : ये ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जिनकी कोशिका भित्ति एवं बाह्य झिल्ली पतली होती है।
- अनुप्रयोग : जैव-चिकित्सा, खाद्य, कृषि, कागज, कपड़ा उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे व्यापक क्षेत्रों में