New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबन्ध 

( प्रारंभिक परीक्षा के लिये – आयात तथा निर्यात पर लगने वाले शुल्क एवं प्रतिबन्ध, इथेनाल से सम्बंधित मुद्दे, खाद्य सुरक्षा )
( मुख्य परीक्षा के लिये : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय )

सन्दर्भ 

हाल ही में केंद्र सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। तथा बासमती के अतिरिक्त अन्य प्रकार के चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया है।

टूटे  चावल का महत्व 

  • टूटे चावल का उपयोग पोल्ट्री फीड और छोटे जानवरों के खाद्य पदार्थों के निर्माण के लिये किया जाता है।
  • राइस वाइन बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
  • इससे चावल का आटा बनाया जाता है, जिससे कई प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है।
  • टूटे चावल का प्रयोग इथेनाल निर्माण के लिये कच्चे माल के रूप में भी होता है।

भारत की स्थिति 

  • 2021 में विश्व में चावल के कुल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत थी, जो भारत के बाद 4 अन्य बड़े निर्यातकों थाईलैंड, वियतनाम, अमेरिका और पाकिस्तान के कुल निर्यात से भी अधिक थी। 
  • अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार 2022 की पहली छमाही में टूटे चावल के वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से भी अधिक है। 
  • सरकारी आँकड़ो के अनुसार 2022 में अप्रैल से अगस्त तक भारत के कुल चावल निर्यात में टूटे चावल की हिस्सेदारी 22.78 प्रतिशत थी। 
  • भारत के टूटे चावल के सबसे बड़े आयातक देश चीन, जिबूती, इंडोनेशिया और सेनेगल है।

निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण 

  • केंद्र सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये गेंहू और चीनी के बाद अब चावल के निर्यात पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है।
  • कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार देश के कई चावल उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश होने के कारण चावल के उत्पादन में कमी आ सकती है।
  • कृषि मंत्रालय के अनुसार अगस्त 2022 तक धान का रकवा कम होकर 30.98 मिलियन हेक्टेयर रह गया है। जो अगस्त 2021 में 35.36 मिलियन हेक्टेयर था, इस कारण से भी चावल के उत्पादन में कमी आएगी।
  • देश में चावल की पर्याप्त आपूर्ति चावल का मूल्य बढ़ने से रोकेगी, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहेगी।
  • 2018-19 में केंद्र सरकार ने FCI को अतिरिक्त चावल इथेनाल निर्माण संयंत्रो को बेचने की अनुमति दी थी।
  • इस बर्ष चावल का उत्पादन कम होने की बजह से इथेनाल संयंत्रों को चावल की आपूर्ति कम होने की आशंका थी।
  • चावल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद अब इथेनाल संयंत्रों के लिये पर्याप्त मात्र में चावल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
  • जिससे केंद्र सरकार के 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनाल सम्मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अपेक्षित प्रगति होगी।

प्रभाव

  • रूस-युक्रेन युद्ध के कारण काला सागर क्षेत्र में व्यापर बाधित होने के कारण चावल की कीमतें पहले से ही बढ़ रही हैं।
  • व्यापारियों द्वारा चावल को गेंहू के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किये जाने के कारण भी इसकी कीमतों में वृद्धि हो रही है।
  • अब भारत द्वारा निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के कारण चावल की कीमतों में और अधिक वृद्धि होगी।
  • भारत से चावल का निर्यात बंद हो जाने के कारण चावल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत का स्थान पाकिस्तान थाईलैंड और वियतनाम हासिल कर लेंगे, जिसे फिर से वापिस पाना भारत के लिये आसान नहीं होगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR