New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

पश्चिमी ट्रैगोपैन: बंदी प्रजनन से स्थिर हुई जनसंख्या

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन पेपर- 3)

चर्चा में क्यों?

भारत में पश्चिमी ट्रैगोपैन की आबादी को बंदी प्रजनन द्वारा स्थिर किया गया है, लेकिन मानवीय हस्तक्षेप और पर्यावास विखंडन इसके भविष्य को लगातार खतरे में डाल रहे हैं।

Western_Tragopan

पश्चिमी ट्रैगोपैन के बारे में 

  • इसे पश्चिमी सींग वाले ट्रैगोपैन के नाम से भी जाना जाता है। 
  • यह जीवित तीतरों में सबसे दुर्लभ प्रजातियों में से एक है।
  • अपने खूबसूरत पंखों और विशाल आकार के कारण, इस पक्षी को स्थानीय रूप से 'जुजुराना' या 'पक्षियों का राजा' के नाम से जाना जाता है।
  • यह दुनिया में पाई जाने वाली सबसे दुर्लभ और सबसे खूबसूरत तीतर प्रजातियों में से एक है।
  • ये पक्षी  शर्मीले और जमीन पर रहने वाले होते हैं और आमतौर पर  सुबह और शाम के समय सक्रिय रहते हैं ।
  • यह हिमाचल प्रदेश का राजकीय पक्षी है।
  • वितरण: यह उत्तर-पश्चिमी हिमालय में, उत्तरी पाकिस्तान के हजारा से लेकर जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश होते हुए गढ़वाल के पश्चिमी भाग तक फैले एक संकीर्ण क्षेत्र में स्थानिक है।
    • ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (जीएचएनपी) के वन क्षेत्र के ऊपरी हिस्से में पश्चिमी ट्रैगोपैन की दुनिया की सबसे बड़ी ज्ञात आबादी पाई जाती है।
  • पर्यावास: यह घने जंगल के नीचे रिंगल (बौने) बांस के पर्यावास को पसंद करता है।
  • आहार: यह मुख्य रूप से पत्तियों, टहनियों और बीजों पर निर्भर रहता है, लेकिन कीड़े और अन्य अकशेरुकी जीवों का भी सेवन करता है।
  • प्रजनन: यह मई से जून के दौरान प्रजनन करता है और जंगल के तल पर छिपे हुए घोंसलों में 3-5 अंडे देता है।
  • खतरे: पर्यावास का नुकसान, शिकार का दबाव और मानवजनित व्यवधान जिनमें पशुओं की चराई, औषधीय जड़ी-बूटियों जैसे छोटे वन उत्पादों का संग्रह आदि शामिल हैं।
  • संरक्षण स्थिति: आईयूसीएन

वर्तमान स्थिति और आबादी

  • IUCN के अनुसार: केवल 3,000–9,500 वयस्क ट्रैगोपैन बचे हैं।
  • लगभग 25% पश्चिमी हिमालय और पाकिस्तान के उत्तरी भागों में रहते हैं।
  • अध्ययन बताते हैं कि उपयुक्त आवास मौजूद हैं, 
  • लेकिन मानवीय हस्तक्षेप और आवास विखंडन इस प्रजाति के लिए गंभीर खतरा हैं।

बंदी प्रजनन (Ex-Situ Conservation)

शुरुआत और उपलब्धियां

  • पहली बार 1993 में बंदी अवस्था में पक्षियों का जन्म हुआ।
  • 2005 में सराहन तीतरशाला में चार चूजों का सफल जन्म हुआ, जो विश्व का पहला सफल बंदी प्रजनन कार्यक्रम था।
  • 2007-2015 तक बंदी प्रजनन में कुल 43 पक्षियों का जन्म दर्ज किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • पूरी बंदी आबादी की उत्पत्ति केवल आठ जंगली संस्थापकों से हुई।
  • आनुवंशिक विविधता लगभग 87% बरकरार रही
  • शुरुआती वर्षों में लिंग अनुपात असंतुलित और वृद्ध पक्षियों में मृत्यु दर अधिक थी।

 तकनीक और चुनौतियाँ

  • घोंसले के लिए प्राकृतिक सामग्री का उपयोग
  • घने वनस्पति आवरण की व्यवस्था
  • तनाव और रोगों की निगरानी
  • इन प्रयासों से बंदी प्रजनन में तनाव, बीमारियों और कृत्रिम बाड़ों की चुनौतियों को कम किया गया।

वर्तमान स्थिति

  • सराहन फीज़ेंट्री में लगभग 46 ट्रैगोपैन हैं।
  • हर वर्ष 6-8 अंडे फूटते हैं और 4-5 चूजे जीवित रहते हैं।

पुनः परिचय (Reintroduction)

  • 2020-21 में प्रायोगिक तौर पर पक्षियों को जंगल में छोड़ा गया।
  • रेडियो कॉलर से निगरानी की गई।
  • दो वर्षों तक परीक्षणों में पक्षियों के जीवित रहने की संभावना उत्साहजनक रही।

चुनौतियां

  • बजटीय कटौती और अनुसंधान/प्रोटोकॉल विकास की आवश्यकता के कारण व्यापक पुनर्प्रवेश कार्य रुका हुआ है।
  • प्राकृतिक आवास, भोजन और सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है।

समुदाय और संरक्षण

  • स्थानीय समुदायों ने संरक्षण प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया:
  • समुदाय-आधारित पर्यटन ने वन संसाधनों पर निर्भरता कम की।
  • ग्रामीणों ने प्रजनन क्षेत्रों को नुकसान से बचाया।
  • स्थानीय समर्थन और जागरूकता स्थिरता और सफलता की कुंजी है।

निष्कर्ष

  • बंदी प्रजनन ने पश्चिमी ट्रैगोपैन की संख्या स्थिर करने में मदद की है, लेकिन यह केवल एक अंतरिम उपाय है।
  • स्थायी संरक्षण के लिए प्राकृतिक आवासों का संरक्षण (In-Situ Conservation) अनिवार्य है।
  • जलवायु परिवर्तन और आवास विखंडन जैसी चुनौतियों के चलते इस प्रजाति का भविष्य केवल सतत संरक्षण, वैज्ञानिक अनुसंधान और स्थानीय समुदाय की भागीदारी से सुरक्षित किया जा सकता है।
  • कुल मिलाकर: बंदी प्रजनन ने विलुप्त होने से बचाया, लेकिन प्राकृतिक आवास की सुरक्षा ही इसके दीर्घकालिक अस्तित्व की कुंजी है।

प्रश्न. पश्चिमी ट्रैगोपैन को स्थानीय रूप से किस नाम से जाना जाता है?

(a) मोनाल

(b) जुजुराना

(c) कालिज

(d) चकोर

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR