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परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025: भारत की बेसलोड ऊर्जा, एसएमआर और परमाणु सुधारों की दिशा में निर्णायक कदम

  • भारत की ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) यात्रा अब एक निर्णायक मोड़ पर है। 
  • नवीकरणीय ऊर्जा के तीव्र विस्तार के बावजूद, बेसलोड ऊर्जा की कमी, ग्रिड अस्थिरता, और डीकार्बोनाइजेशन की अनिवार्यता ने परमाणु ऊर्जा को पुनः नीति के केंद्र में ला दिया है।
  • इसी संदर्भ में, कैबिनेट द्वारा स्वीकृत परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025 को भारत के सबसे बंद क्षेत्रों में से एक नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र - में ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

Nuclear-Energy-Bill

विधेयक की पृष्ठभूमि और प्रमुख प्रावधान

(1) परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 में संशोधन

अब तक भारत में:

  • परमाणु ऊर्जा का पूर्ण स्वामित्व और संचालन केवल सरकार न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के पास था।
  • निजी और विदेशी कंपनियों की भागीदारी प्रतिबंधित थी।

प्रस्तावित संशोधन:

  • निजी कंपनियों को परमाणु परियोजनाओं में 49% तक इक्विटी की अनुमति।
  • परमाणु खनन, ईंधन निर्माण, उपकरण निर्माण और संयंत्र संचालन में निजी भागीदारी का विस्तार
  • विदेशी निवेश के लिए संप्रभु धन कोषों (Sovereign Wealth Funds) का मार्ग प्रशस्त।

(2) परमाणु दायित्व कानून (CLNDA, 2010) में सुधार

CLNDA का “Operator’s Right of Recourse”:

  • दुर्घटना की स्थिति में ऑपरेटर (NPCIL) को आपूर्तिकर्ता से क्षतिपूर्ति का अधिकार।
  • विदेशी कंपनियों (Westinghouse, EDF) द्वारा इसे निवेश बाधा माना गया।

संभावित समाधान:

  • देनदारी की ऊपरी सीमा तय करना
  • सरकारी समर्थित बीमा/निधि कोष
  • वैश्विक परमाणु दायित्व मानकों के अनुरूप कानून का सरलीकरण
  • यह सुधार भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते (2008) की व्यावसायिक क्षमता को वास्तविक रूप देगा।

भारत की बेसलोड ऊर्जा समस्या और परमाणु विकल्प

नवीकरणीय ऊर्जा की सीमाएँ

  • सौर और पवन ऊर्जा अनियमित (Intermittent)
  • ऊर्जा भंडारण प्रणालियाँ अभी महंगी और अपर्याप्त
  • शाम के समय Peak Demand + Low Solar Output → ग्रिड संकट

परमाणु ऊर्जा क्यों आवश्यक?

  • 24×7 स्थिर बेसलोड आपूर्ति
  • कोयले की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन
  • ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु लक्ष्यों में संतुलन

परमाणु क्षमता विस्तार का रोडमैप

वर्ष

परमाणु क्षमता

वर्तमान

< 8 GW

लक्ष्य (2047)

100 GW

  • वैश्विक तुलना:
  • अमेरिका:- 100 GW
  • फ्रांस:- 65 GW
  • चीन:- 58 GW

स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR): भारत की नई रणनीतिक धुरी

Small-Modular-Reactors

एसएमआर((Small Modular Reactors)) क्या हैं? (What are SMRs?)

Small Modular Reactors (SMRs) उन्नत परमाणु रिएक्टर होते हैं:

  • जिनकी क्षमता सामान्यतः 50–300 मेगावाट (MW) होती है
  • जो फैक्ट्री में मॉड्यूलर रूप में बनाए जाते हैं और फिर साइट पर स्थापित किए जाते हैं
  • जो पारंपरिक बड़े परमाणु संयंत्रों की तुलना में छोटे, सुरक्षित और अधिक लचीले होते हैं

भारत की पहल

  • 20,000 करोड़ का परमाणु ऊर्जा मिशन (SMR R&D)
  • 2033 तक 5 स्वदेशी एसएमआर चालू करने का लक्ष्य
  • BARC द्वारा विकसित 3 प्रमुख डिजाइन:
    1. BSMR – 200 MW (LWR)
    2. SMR – 55 MW (LWR)
    3. BSR – 220 MW (PHWR)
  • यह भारत को भविष्य के परमाणु निर्यातक के रूप में स्थापित कर सकता है।

निजी क्षेत्र की भूमिका: अवसर और चुनौतियाँ

निजी कंपनियों की रुचि

  • Reliance, Tata Power, Adani Power
  • JSW Energy, Hindalco, Jindal Steel
  • 6 राज्यों में 16 संभावित स्थल चिन्हित

मॉडल

  • स्वामित्व और संचालन: NPCIL
  • पूंजी निवेश: निजी कंपनियाँ
  • लाभ: कैप्टिव बिजली आपूर्ति

चुनौतियाँ

  • स्वामित्व और शुल्क संरचना की अस्पष्टता
  • दीर्घकालिक वित्तीय व्यवहार्यता
  • नियामक और सुरक्षा आशंकाएँ

भू-राजनीतिक और रणनीतिक आयाम

  1. भारत-अमेरिका संबंध
    • नागरिक परमाणु सहयोग को नया जीवन
    • व्यापार एवं निवेश समझौते की दिशा में विश्वास निर्माण
  2. ऊर्जा कूटनीति
    • पश्चिम एशियाई संप्रभु कोषों की रुचि
    • रूस (कुडनकुलम) और फ्रांस के साथ तकनीकी सहयोग
  3. जलवायु नेतृत्व

net-zero-emissions

  • Net Zero 2070 लक्ष्य के अनुरूप
  • कोयले पर निर्भरता में कमी

"नेट ज़ीरो :-

  • "नेट ज़ीरो 2070" से तात्पर्य COP-26 में घोषित भारत कीउस प्रतिबद्धता से है जिसके तहत वह 2070 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को शून्य तक लाने का लक्ष्य रखता है। 
  • भारत इस लक्ष्य को पाँच सूत्री जलवायु कार्य योजना के माध्यम से प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है, जिसमें 2030 तक कार्बन उत्सर्जन और कार्बन तीव्रता को कम करना, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को 2030 तक 50% तक बढ़ाना और गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को उसी वर्ष तक 500 गीगावॉट तक विस्तारित करना शामिल है।

भारत के परमाणु ऊर्जा केंद्र (Nuclear Power Plants of India)

Nuclear_Reactors_in_India

भारत में सभी वाणिज्यिक परमाणु बिजली संयंत्रों का संचालन NPCIL (Nuclear Power Corporation of India Ltd.) करता है

भारत की कुल परमाणु स्थिति (Quick Facts – Prelims Ready)

  • कुल परिचालित परमाणु संयंत्र: 8
  • कुल रिएक्टर (Operational): 22
  • कुल स्थापित क्षमता: ~7.5–8 GW
  • मुख्य तकनीक:
    • PHWR (Pressurised Heavy Water Reactor) – स्वदेशी
    • LWR (Light Water Reactor) – रूसी सहयोग

भारत के परमाणु विद्युत केंद्र (Nuclear Power Plants of India)

क्रम

परमाणु विद्युत केंद्र

राज्य

रिएक्टर प्रकार

इकाइयाँ

क्षमता (MW)

विशेष तथ्य

1

तारापुर परमाणु विद्युत केंद्र (TAPS)

महाराष्ट्र

BWR + PHWR

4

1400

भारत का पहला परमाणु संयंत्र (1969)

2

राजस्थान परमाणु विद्युत केंद्र (RAPS)

राजस्थान (रावतभाटा)

PHWR

6

1180

सबसे अधिक PHWR इकाइयाँ

3

मद्रास परमाणु विद्युत केंद्र (MAPS)

तमिलनाडु (कलपक्कम)

PHWR

2

440

दक्षिण भारत का पहला परमाणु संयंत्र

4

नरौरा परमाणु विद्युत केंद्र (NAPS)

उत्तर प्रदेश

PHWR

2

440

गंगा नदी के किनारे स्थित

5

काकरापार परमाणु विद्युत केंद्र (KAPS)

गुजरात

PHWR

4

1140

700 MW स्वदेशी PHWR तकनीक

6

कैगा परमाणु विद्युत केंद्र (KGS)

कर्नाटक

PHWR

4

880

घने जंगल क्षेत्र में स्थित

7

कुडनकुलम परमाणु विद्युत केंद्र (KKNPP)

तमिलनाडु

LWR (VVER – रूस)

2 (कार्यरत)

2000

भारत का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र

Unit-3,4,5,6

निर्माणाधीन / प्रस्तावित

8

गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (GHAVP)

हरियाणा

PHWR

2

1400

निर्माणाधीन, उत्तर भारत का नया परमाणु हब

प्रश्न:- “परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025 भारत की ऊर्जा संक्रमण रणनीति में एक निर्णायक सुधार है।” आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।

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