चर्चा में क्यों?
हाल ही में कर्नाटक कैबिनेट ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया।

प्रमुख बिंदु:
- यह निर्णय उनके बेंगलुरु के शहरी और शैक्षणिक विकास में योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से लिया गया है।
- यह कदम उनके कार्यकाल की स्थायी विकास पहलों को सम्मानित करता है।
डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा बेंगलुरु में दिए गए प्रमुख योगदान
- शहरी बुनियादी ढांचा
- 24 जून 2006 को बैंगलोर-इलेक्ट्रॉनिक सिटी एलिवेटेड हाईवे की आधारशिला रखी गई।
- एनएच-4 (बेंगलुरु-नेलामंगला खंड) को छह लेन में विस्तारित करने के कार्य का निरीक्षण किया गया, जिसमें 4 किमी का एलिवेटेड कॉरिडोर भी शामिल था।
- बेंगलुरु मेट्रो
- 24 जून 2006 को ₹6,000 करोड़ लागत की नम्मा मेट्रो परियोजना की शुरुआत की।
- 20 नवंबर 2011 को बैयप्पनहल्ली से एमजी रोड तक के उद्घाटन खंड को हरी झंडी दिखाई।
- विमानन क्षेत्र में योगदान
- 24 मई 2008 को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया।
- यह हवाई अड्डा FY 2023-24 में 37 मिलियन यात्रियों के साथ भारत का तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा बना।
- शिक्षा एवं अकादमिक क्षेत्र
- 2017 में डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (BASE) में व्याख्यान दिया।
- 1990 के दशक में IIM बैंगलोर के छात्रों को संबोधित किया।
बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी - उत्तरी परिसर विकास योजना
- चिक्काबल्लापुर जिले के अमरावती में विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के दूसरे चरण के विकास के लिए ₹123.50 करोड़ की मंजूरी।
- पहले चरण में ₹91 करोड़ की लागत से प्रशासनिक एवं आवासीय भवन पहले ही पूर्ण।
- कार्यान्वयन की जिम्मेदारी कर्नाटक आवास बोर्ड और आंतरिक राजस्व विभाग को सौंपी गई है।
इस नामकरण का महत्व
- डॉ. मनमोहन सिंह के निवेश आधारित विकास मॉडल को प्रतीक रूप में मान्यता।
- शिक्षा और अवसंरचना विकास के क्षेत्र में स्थायी योगदान की सार्वजनिक स्वीकार्यता।
- छात्रों और नागरिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत।
प्रश्न. किस राज्य सरकार ने बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने का निर्णय लिया है?
(a) महाराष्ट्र
(b) केरल
(c) कर्नाटक
(d) तमिलनाडु
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