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भारत जेन : मल्टीमॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में भारत जेन शिखर सम्मेलन में भारतीय भाषाओं के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित सरकारी वित्त पोषित एआई आधारित मल्टीमॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) ‘भारत जेन’ लॉन्च किया।

भारत जेन के बारे में 

  • परिचय : यह भारतीय भाषाओं के लिए भारत में स्वदेशी रूप से विकसित पहला सरकारी वित्त पोषित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित मल्टीमॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) है। 
    • भारत जेन मिशन (BharatGen Mission) भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी रूप से एक मल्टीमॉडल, बहुभाषी, और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करना है
  • उद्देश्य : इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट, स्पीच एवं इमेज जैसे मल्टीमॉडल डाटा को समझने व निर्माण करने की क्षमता प्रदान करना है ताकि AI तकनीक को भारत के विविध भाषाई समुदायों के लिए सुलभ बनाया जा सके।
  • कार्यान्वयन : इसका कार्यान्वयन IIT बॉम्बे के नेतृत्व में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतर्गत आने वाले अंतरविषयी साइबर-भौतिकी प्रणाली से संबंधित राष्ट्रीय मिशन (NM-ICPS) द्वारा किया जा रहा है। 
  • शामिल भागीदार : इसमें IIT बॉम्बे, IIIT हैदराबाद, IIT मंडी, IIT कानपुर, IIM इंदौर एवं IIT मद्रास जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भागीदार हैं।

प्रमुख विशेषताएँ 

  • मल्टीमॉडल क्षमता : टेक्स्ट, स्पीच एवं इमेज जैसे विभिन्न डाटा प्रकारों को समझने व उत्पन्न करने में सक्षम 
  • बहुभाषी समर्थन : इसका लक्ष्य हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मराठी आदि 22 भारतीय भाषाओं में निर्बाध एआई समाधान प्रदान करने का है।
  • सांस्कृतिक प्रासंगिकता : भारतीय सांस्कृतिक संदर्भों और स्थानीय ज्ञान के अनुरूप डिज़ाइन इसे वैश्विक AI मॉडलों से अलग करता है।
  • नैतिक एवं समावेशी AI : पक्षपात रहित और सभी समुदायों के लिए निष्पक्ष, नैतिकता के सिद्धांतों पर आधारित। 
  • विविध अनुप्रयोग : शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, कृषि जैसे क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं में सेवाएँ प्रदान करने के लिए उपयुक्त।
  • ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म : यह एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया गया है ताकि इसे शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स व उद्योग द्वारा आसानी से उपयोग एवं संशोधित किया जा सके।
  • यह पहल भारत में जनरेटिव एआई अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है जिससे देश इस क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा सके।
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