New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

भूषण रामकृष्ण गवई

14 मई, 2025 को न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। इन्होंने हिंदी में शपथ ली। 

भूषण रामकृष्ण गवई के बारे में 

  • जन्म : 24 नवंबर, 1960 को अमरावती (महाराष्ट्र)  
  • पिता : आर.एस. गवई एक राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1956 में डॉ. आंबेडकर के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था। 
  • शिक्षा : अमरावती विश्वविद्यालय से वाणिज्य एवं कानून में डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 1985 में कानूनी पेशे में शामिल
  • सर्वोच्च न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल : 14 मई, 2025 से 23 नवंबर, 2025 तक
  • न्यायाधीश के रूप में 
    • 14 नवंबर, 2003 को उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 
    • 12 नवंबर, 2005 को वे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने।
    • 24 मई, 2019 से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश  के रूप में पदोन्नत हुए। 
  • विशेष : वह बौद्ध समुदाय से भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश हैं। वह अनुसूचित जाति के न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन के बाद यह पद संभालने वाले दूसरे दलित भी हैं। 

उल्लेखनीय निर्णय

  • विवेक नारायण शर्मा (2023) में उन्होंने संघ की 2016 की विमुद्रीकरण योजना को बरकरार रखते हुए बहुमत की राय रखी।
  • वे पांच न्यायाधीशों वाली उस संविधान पीठ का हिस्सा थे जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को निरस्त करने की वैधता को बरकरार रखा।
  • एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत संघ (2024) में मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना को (5-0 से) असंवैधानिक घोषित करने वाले पांच न्यायाधीशों की पीठ में शामिल थे।
  • पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह (2024) में इन्होंने इस बात के लिए सहमति व्यक्त की कि अपर्याप्त प्रतिनिधित्व को संबोधित करने के लिए अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के बीच उप-वर्गीकरण स्वीकार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि क्रीमीलेयर बहिष्करण (वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी पर लागू) को एस.सी. एवं एस.टी. पर भी लागू किया जाना चाहिए। 
  • तीस्ता अतुल सीतलवाड़ बनाम गुजरात राज्य (2023) मामले में न्यायमूर्ति गवई की अगुआई वाली पीठ ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देने से गुजरात उच्च न्यायालय के इनकार को खारिज कर दिया और इसके तर्क को विकृत बताया। 
  • अगस्त 2023 में उनके नेतृत्व वाली एक अन्य पीठ ने माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी के लिए राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई दो वर्ष की सजा अत्यधिक व तर्कहीन थी। इस फैसले के परिणामस्वरूप गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई। 
  • अगस्त 2024 में जस्टिस गवई और केवी विश्वनाथन की दो जजों की बेंच ने शराब नीति घोटाले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को ज़मानत दे दी। जस्टिस गवई ने बिना किसी सुनवाई के लंबे समय तक जेल में रहने को ज़मानत देने का आधार बताया। 
  • गवई-विश्वनाथन बेंच ने इन रे: डायरेक्शन्स इन द डेमोलिशन ऑफ़ स्ट्रक्चर्स (2024) में एक ऐतिहासिक आदेश भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि किसी नागरिक के घर को सिर्फ़ इस आधार पर गिराना कि उस पर कोई अपराध का आरोप है, कानून के शासन एवं शक्तियों के पृथक्करण के विपरीत है। बेंच ने बुलडोजर से घर गिराने की घटनाओं को विनियमित करने के लिए पूरे देश में दिशा-निर्देश जारी किए। 

नए कॉलेजियम के प्रमुख के रूप में भूमिका

  • मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गवई को सर्वोच्च न्यायालय में लंबित 81,000 से अधिक मामलों सहित अदालतों में रिक्तियों जैसे मुद्दों से निपटना होगा।
  • उच्च न्यायालय के 768 न्यायाधीशों में से केवल 107 महिलाएँ हैं। उच्च न्यायालयों में रिक्तियों की कुल संख्या 354 है। कॉलेजियम द्वारा स्वीकृत 29 प्रस्ताव सरकार के पास  लंबित हैं।
  • नए कॉलेजियम के पास लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए किसी भी पिछले कॉलेजियम से आगे जाने का अवसर है। 
    • भारत के सभी 25 उच्च न्यायालयों में केवल एक महिला मुख्य न्यायाधीश हैं (गुजरात में सुनीता अग्रवाल)।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR