New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM August Super Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM August Super Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

"ब्लू मून" और "सुपर मून"

प्रारम्भिक परीक्षा – ब्लू मून , सुपर मून, ब्लड मून
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1

संदर्भ

  • इस बार रक्षाबंधन 30-31 अगस्त 2023 को, राखी की श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाई गई। यह बहुत ही असामान्य दिन था: क्योंकि 30-31 अगस्त 2023 को "ब्लू मून" और "सुपर मून" दोनों घटना एक साथ देखी गई। इसलिए इस दिन को "सुपर ब्लू मून" कहा गया।

सुपर मून क्या है?moon
super-moon

सुपर मून: 

  • चन्द्रमा एवं पृथ्वी के बीच की दूरी औसतन 3,84,000 किमी. है। चूँकि चन्द्रमा परवलयाकार कक्ष में पृथ्वी की परिक्रमा करता है, इस कारण पृथ्वी एवं चन्द्रमा की दूरी बदलती रहती है। 
  • 'सुपर मून' वह स्थिति है जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। इसे पेरिज फुल मून' भी कहा जाता। इसमें चन्द्रमा 14% ज्यादा बड़ा एवं 30% अधिक चमकीला दिखाई पड़ता है। 
  • 27 सितम्बर, 2015 को विश्व के अनेक भागों में सुपर मून चन्द्रग्रहण की परिघटना देखी गई, जिसमें सुपर मून व चन्द्रग्रहण दोनों घटनाएँ एक साथ घटित हुई। ऐसा सन् 1982 के बाद पहली बार हुआ।

ब्लू मूनः 

  • एक कैलेन्डर माह में जब दो पूर्णिमाएँ हों तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ‘ब्लू मून’ कहलाता है। इसका नीले रंग से कोई संबंध नहीं है। वस्तुतः इसका मुख्य कारण दो पूर्णिमाओं के बीच के अंतराल का 31 दिनों से कम होना है। ऐसा हर दो-तीन साल पर होता है। 
  • जुलाई, 2015 में ब्लू मून की स्थिति देखी गई। जब किसी वर्ष विशेष में दो या अधिक माह ब्लू मून के होते हैं, तो उसे ब्लू मून ईयर कहा जाता है। वर्ष 2018 'ब्लू मून ईयर था।

ब्लड मून: 

  • लगातार चार पूर्ण चन्द्रग्रहणों (Lunar Tetrad) को 'ब्लड मून' (Blood Moon) की संज्ञा दी गई है। 
  • चार पूर्ण चन्द्रग्रहणों को 'टयूड भी कहा जाता है। जब पृथ्वी, चन्द्रमा पर पूर्ण छाया डालता है तब पूर्ण चन्द्रग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें चन्द्रमा का रंग लाल हो जाता है। इसे ही ब्लड मून (रक्त चन्द्र) कहा जाता है। 
  • पूर्ण चन्द्रग्रहण दुर्लभ होते हैं। सामान्यतया तीन चन्द्रग्रहणों में से एक पूर्ण चन्द्रग्रहण की घटना होती है। 
  • पूर्ण चन्द्रग्रहण श्रृंखला का पहला चन्द्रग्रहण 14-15 अप्रैल, 2014, दूसरा 7-8 अक्टूबर, 2014 एवं तीसरा 4 अप्रैल, 2015 को हुआ। 4 अप्रैल, 2015 को सदी का सबसे छोटा पूर्ण चन्द्रग्रहण लगा था। 
  • चूँकि अमावस्या से अमावस्या तक का चक्र 29.5 दिनों तक चलता है, एक समय ऐसा आता है जब पूर्णिमा एक महीने की शुरुआत में होती है ।
  • ऐसा महीना, जिसमें 1 या 2 तारीख को पूर्णिमा दिखाई देती है तो इसके पश्चात् 30 या 31 तारीख को दूसरी पूर्णिमा होगी। नासा के अनुसार, ऐसा हर दो या तीन साल में होता है। 
  • अगस्त 2023 की पहली पूर्णिमा 1 अगस्त को हुई थी। वह भी एक सुपर मून था, लेकिन 30-31 अगस्त का सुपर मून बड़ा था क्योंकि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के बहुत ही करीब था। इस घटना को उपभू कहते हैं तथा जब चन्द्रमा पृथ्वी से दूर होता है तो इस घटना को अपभू कहा जाता है।

अमावस्या

  • जिस  दिन को चन्द्रमा पूर्ण चक्रीय/गोलाकार दिखाई देता  है, उस दिन को पूर्णिमा कहते हैं। इसके पश्चात् प्रत्येक रात्रि को चन्द्रमा का चमकीला भाग घटता चला जाता है। 15वें दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं पड़ता। इस दिन को अमावस्या कहते हैं। अगले दिन चन्द्रमा का एक छोटा भाग आकाश में दिखाई देता है। इसे बालचन्द्र कहते हैं। 
  • इसके पश्चात फिर प्रतिदिन चन्द्रमा बड़ा होता जाता है। 15वें दिन एक बार फिर से हम चन्द्रमा का पूरा दृश्य देखते हैं।
  • पूरे माह तक दिखाई देने वाली चन्द्रमा की प्रदीप्त भाग की विभिन्न आकृतियों को चन्द्रमा की कलाएँ कहते हैं।

चंद्रमा की कलाओं का हमारे  सामाजिक जीवन में महत्त्व

  • चंद्रमा की कलाओं की हमारे सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत में लगभग सभी पर्वो/त्योहारों को चंद्रमा की कलाओं के अनुसार मनाया जाता है। उदाहरण के लिए, दीवाली अमावस्या  को मनाया जाता है; बुध पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती पूर्णिमा को मनाई जाती हैं; महा शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है; बालचंद्र (शुक्ल पक्ष की प्रथमा) के दर्शन के अगले दिन ईद-उल-फितर  मनाई जाती है ।
  • एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक की अवधि 29 दिन से कुछ अधिक होती है। बहुत से कैलेण्डरों में इस अवधि को एक माह कहते हैं।
  • सूर्य के परावर्तित प्रकाश के कारण चन्द्रमा दिखाई देता है।
  • चन्द्रमा, सूर्य तथा अन्य तारों की भांति अपना प्रकाश उत्पन्न नहीं करता। हमें चन्द्रमा इसलिए दिखाई देता है क्योंकि यह अपने पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को हमारी ओर परावर्तित कर देता है । इसीलिए हम चन्द्रमा के उसी भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है।

विशेष तथ्य

  • 21 जुलाई 1969 को अमेरिका के अन्तरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रॉंग ने सबसे पहले चन्द्रमा पर अपने कदम रखे। उनके बाद एडविन एल्डरिन चन्द्रमा पर उतरे।
  • पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. एक कैलेन्डर माह में जब दो पूर्णिमाएँ हों तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ब्लू मून' कहलाता है। 
  2. 'सुपर मून' वह स्थिति है जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। 

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न 1 और ना ही 2

उत्तर - (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - चन्द्रमा की कलाओं का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ? व्याख्या कीजिए।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X