रक्षा मंत्री ने हाल ही में सीमा सड़क संगठन (BRO) की 125 नवनिर्मित अवसंरचना परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं हैं जो एजेंसी द्वारा एक ही दिन में किए गए उद्घाटनों की सर्वाधिक संख्या एवं महत्व को दर्शाता है।
सीमा सड़क संगठन के बारे में
- यह भारत में एक सड़क निर्माण कार्यकारी बल है जो भारतीय सशस्त्र बलों को सहायता प्रदान करता है। वर्ष 2015 में बी.आर.ओ. को पूर्णतः रक्षा मंत्रालय के अधीन कर दिया गया।
- इसका गठन 7 मई, 1960 को भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने और देश के उत्तर एवं पूर्वोत्तर राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए किया गया था।
- यह भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों मित्र पड़ोसी देशों में सड़क नेटवर्क का विकास एवं रखरखाव करता है।
- इसमें 19 राज्यों व तीन केंद्र शासित प्रदेशों (अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह सहित) और पड़ोसी देशों, जैसे- अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमार, ताजिकिस्तान तथा श्रीलंका में बुनियादी ढांचे का संचालन शामिल है।
- बी.आर.ओ. दुनिया के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में सड़कों, पुलों, सुरंगों, हवाई अड्डों एवं समुद्री कार्यों के निर्माण व रखरखाव में विशेषज्ञता रखता है।
- राष्ट्रीय आपातकाल और युद्धकाल के दौरान भी बी.आर.ओ. की परिचालन भूमिका होती है जब यह अग्रिम क्षेत्रों में सड़कों के रखरखाव में सेना को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करता है तथा सरकार द्वारा निर्दिष्ट अन्य कार्यों को निष्पादित करता है।
- यह परिचालन के दौरान भारतीय वायु सेना के कुछ अग्रिम हवाई अड्डों के पुनर्वास के लिए कार्यबल भी उपलब्ध कराता है। बी.आर.ओ. को सशस्त्र बलों के ऑर्डर ऑफ़ बैटल (Order of Battle: ORBAT) में भी शामिल किया गया है जिससे किसी भी समय उनका समर्थन सुनिश्चित होता है।
- ऑर्डर ऑफ बैटल (ORBAT) किसी सैन्य बल की संरचना, कमान, कर्मियों, उपकरणों और किसी अभियान के लिए उनकी तैनाती का विस्तृत विवरण देता है।
- परियोजनाओं के समन्वय एवं शीघ्र निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने सीमा सड़क विकास बोर्ड (BRDB) की स्थापना की है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री होते हैं।
- बी.आर.ओ. का कार्यकारी प्रमुख सीमा सड़क महानिदेशक (DGBR) होता है जो लेफ्टिनेंट जनरल के पद का होता है। जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (GREF) के अधिकारी एवं कार्मिक बी.आर.ओ. के मूल कैडर का निर्माण करते हैं।
- इसमें भारतीय सेना के इंजीनियर्स कोर से अतिरिक्त रेजिमेंटल रोजगार (प्रतिनियुक्ति पर) पर आये अधिकारी एवं सैनिक भी कार्यरत हैं। बी.आर.ओ. दूर-दराज के क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करने के कार्य में दो लाख (200,000) से अधिक स्थानीय श्रमिकों को भी रोजगार देता है।
- आदर्श वाक्य : श्रमेण सर्वम् साध्यम् (कड़ी मेहनत से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है)