New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

साल वृक्षों पर बोरर कीट का प्रकोप

प्रारम्भिक परीक्षा – साल वृक्षों पर बोरर कीट का प्रकोप
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1और 3

संदर्भ

बालको वन परिक्षेत्र के केशलपुर के सघन वन के साल वृक्षों पर बोरर कीट का  प्रकोप देखा गया है।

sal-tree

प्रमुख बिंदु 

  • इसमें से 1000 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव वन विभाग ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भेजा गया था जिनमें से 300 पेड़ों की कटाई की जा चुकी है। 
  • वन विभाग के अनुसार, केशलपुर के जंगल में बीते वर्ष ही बोरर कीट प्रकोप के संकेत वन विभाग को मिले थे। वन विभाग ने बचाव योजना के तहत सूख चुके वृक्षों की गणना की है। 
  • वन विभाग के द्वारा बोरर कीट को नष्ट करने के लिए रसायन का छिड़काव किया गया है। पेड़ों के उन हिस्सों को ब्लाक किया गया जहां से बोरर कीट ने प्रवेश किया था। 
  • इससे तात्कालिक तौर पर कीट नियंत्रित हो गए परंतु पूरी तरह छुटकारा नहीं मिला। 
  • वन विभाग ने कीट की चपेट में आकर सूख चुके 1000 पेड़ों को काटने का निर्णय लिया। 
  • विभाग के अनुसार, ऐसा नहीं किया गया तो यह कीट प्रकोप महामारी का रूप ले सकता है। 
  • इसके लिए वन विभाग ने तीन माह में पेड़ों की कटाई का काम पूरा करने का निर्णय  लिया है। 

बोरर कीट:- 

  • यह एक सुंडी कीट की प्रजाति है। इस कीट का प्रजनन चक्र 15 दिन का होता है।
  • यह एक बार में 300 से 500 अंडे देता है। यह कीट साल वृक्ष को खोखला कर देता है। 
  • बोरर कीट मानसून खत्म होने के पश्चात् से ही वृक्षों में लगने लगते हैं और उम्र भर पेड़ में ही रहते हैं। 
  • एक हरे भरे-भरे पेड़ को लगभग1500 कीड़े चट कर जाते हैं। 
  • इस कीट की चपेट में आए पेड़ का इलाज कटाई ही है। 

borer-insect

बोरर कीट  से बचाव के उपाय :-

  • इस कीट से बचाव के लिए कार्बो फेरान नामक कीटनाशक रसायन का प्रयोग/छिड़काव किया जाता है। 
  • इस कीट के प्रकोप को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए वृक्षों का कटाव किया जाता है। 

साल या सखुआ/साखू (Shorea robusta) वृक्ष :-

sal-shorea-robusta

  • इस वृक्ष का वैज्ञानिक नाम शोरिया रोबस्टा (Shorea robusta) है। यह डिप्टरोकार्पेसी परिवार की एक प्रजाति है।
  • यह एक द्विबीजपत्री बहुवर्षीय एवं अर्धपर्णपाती वृक्ष है, जो हिमालय की तलहटी से लेकर 3000-4000 फुट की ऊँचाई (ऊंचाई 28 मीटर तथा गोलाई 25 फीट होती है) तक पाए जाते हैं। 
  • इस वृक्ष की उम्र लगभग 1000 वर्ष से अधिक होती है।
  • कोरबा के सतरेंगा में 1400 वर्ष से भी अधिक पुराना साल का वृक्ष है। 
  • यह उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वृक्ष (मानसूनी वृक्ष) है। 
  • यह वृक्ष 100-200 सेमी. वर्षा वाले स्थानों में पाया जाता है।यह वृक्ष शुष्क मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं।
  • यह भारत के दो राज्यों छत्तीसगढ़ एवं झारखंड का राज्य वृक्ष है।
  • यह वृक्ष तीन मध्य भारतीय राज्यों छत्तीसगढ़, झारखण्ड और मध्य प्रदेश में कुल वन क्षेत्र का लगभग 45% पाया जाता है। 
  • यह भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी वृक्ष है,जो भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, पश्चिम घाट एवं पूर्वी घाट के क्षेत्रों में पाया जाता है ।  

उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन :- साल, सागौन, शीशम, महुआ, आँवला, सेमूल, कुसुम और चंदन आदि हैं।

  • इस वृक्ष से निकाला हुआ रेज़िन कुछ अम्लीय होता है, जिसका उपयोग धूप तथा औषधि के रूप में होता है। 
  • इसके वृक्षों की छाल से प्राप्त लाल और काले रंग का पदार्थ रंजक के काम आता है। 

साल वृक्ष का धार्मिक महत्व:-

  • बौद्ध धर्म में साल वृक्ष बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि इस वृक्ष के नीचे ही रानी माया ने महात्मा बुद्ध को जन्म दिया था।
  • साल वृक्ष के नीचे महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

साल वृक्ष की लकड़ी का उपयोग:- 

  • इसकी लकड़ी बहुत ही कठोर, भारी, मजबूत तथा भूरे रंग की होती है।
  • इस वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग इमारती कामों में किया जाता है। इसकी लकड़ी बहुत ही कठोर, भारी, मजबूत तथा भूरे रंग की होती है।
  • इसके लकड़ी का उपयोग रेलवे लाइन के स्लीपर बनाने, घरों में पलंग,कलाकारी और नाव आदि बनाने में किया जाता है।

विशेष तथ्य 

  • साल के पेड़ को तैयार होने में कई साल लग जाते है। यही वजह है राज्य वन अनुसंधान केन्द्र ने इसे संरक्षित करना शुरू कर दिया है। 
  • साल के पेड़ को सबसे ज्यादा खतरा बोरर कीट से होता है। यह कीड़ा धीरे-धीरे साल के पेड़ को खत्म कर उसे पाउडर में बदल देता है।
  • बोरर कीट का प्रकोप 15 से 20 साल के अंतर में आते रहता है। 
  • इसके पहले बिलासपुर क्षेत्र के जंगल में वर्ष 1998 में यह कीट फैला था। इसके साथ ही कवर्धा में भी कीट का प्रकोप देखा गया था। 

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- बोरर कीट के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 

  1. इस कीट का प्रजनन चक्र 15 दिन का होता है।
  2. यह कीट वृक्षों को अन्दर से खोखला कर देता है। 
  3. इस कीट से बचाव के लिए कार्बो फेरान नामक कीटनाशक रसायन का छिड़काव किया जाता है। 

उपर्युक्त में से कितने सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तर - (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों के पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी महत्व की व्याख्या कीजिए।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR