New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

राजकोषीय घाटा पर व्यापक दृष्टिकोण 

प्रीलिम्स में : भारतीय अर्थव्यवस्था ( राजकोषीय नीति) बजट 2023-24
मुख्य परीक्षा में : वित्तीय बजट मूल्यांकन, राजकोषीय घाटे के प्रभाव पेपर-3 

चर्चा में क्यों

केंद्र और राज्य समन्वय से लगातार कम होता राजकोषीय घाटा  (वित्त वर्ष  2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद के 9.1% से घटकर वित्त वर्ष  2023-24 (BE) में 5.9% हो गया।) 

प्रमुख बिन्दु: 

  • COVID-19 महामारी के दौरान हुई सरकारी घाटे और ऋण में वृद्धि, कम होने लगी है।  केंद्र और राज्य स्तर पर महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार हुए हैं।
  • केंद्र स्तर पर, राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष  2020-21 में जीडीपी के 9.1% से घटकर वित्त वर्ष  2023-24 (BE) में 5.9% हो गया। वर्ष 2020-21 में सभी राज्यों का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.1% था। 2022-23 (RE) में यह घटकर जीडीपी का 3.24% रह गया।
  • प्रमुख राज्यों के लिए, वर्ष 2023-24 (BE) के लिए, यह सकल घरेलू उत्पाद का 2.9% होने की उम्मीद है।
  • यह  मूल्यांकन 17 प्रमुख राज्यों के व्यक्तिगत बजट से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित है। ये राज्य सभी राज्यों के संयुक्त खर्च के 90% से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं।

पृष्ठभूमि 

राजस्व घाटा, किसी वित्तीय वर्ष में  सरकार के कुल राजस्व और उसके कुल खर्च के बीच का अंतर है। जबकि  किसी वित्तीय वर्ष के राजस्व घाटे और सरकार द्वारा लिये गए ऋण पर ब्याज तथा अन्य देयताओं के भुगतान का योग राजकोषीय घाटा कहलाता है। यह सरकार को अपने कार्यों को पूरा करने के लिए उधारी की आवश्यकता का संकेत है। जिसे जीडीपी के प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

            राजस्व घाटा = राजस्व व्यय - राजस्व प्राप्तियाँ
            राजकोषीय घाटा = कुल व्यय - कुल प्राप्तियाँ (उधार को छोड़कर)

राजकोषीय घाटा न सिर्फ नकारात्मकता को इंगित  करता है बल्कि इसमें सकारात्मकता के बिंदु भी दृष्टिगत होते हैं। 

      राजकोषीय घाटा के सकारात्मक पहलू

  • सरकारी खर्च में वृद्धि से सार्वजानिक सेवाओं (शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार  इत्यादि) पर खर्च जिससे  आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। 
  • सार्वजानिक वित्त निवेश में बढ़ोत्तरी से ढांचागत परियोजनाएं वित्तपोषित होती है।
  • सरकारी व्यय से  रोजगार  सृजन की संभावना बढती है। जीवन गुणवत्ता सुधार में मदद मिलती है।  

      राजकोषीय घाटा के  नकारात्मक पहलू 

  • उच्च राजकोषीय घाटा कर्ज की मांग को बढ़ाता है। सरकारी ऋण में वृद्धि हो जाती है।
  • विदेशी ऋण की बढती मांग से भुगतान असंतुलन की स्थिति देखने को मिलती है। विदेशी मुद्रा भंडार भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। 
  • सरकारी व्यय में वृद्धि बाजार में तरलता को बढ़ा देती है। बढ़ी तरलता के अनुक्रमानुपाती मुद्रास्फीति में भी वृद्धि हो जाती है।  
  • सरकारी व्यय में वृद्धि  निजी निवेश को पूँजी से वंचित कर देता है।

राजकोषीय सुधार की महत्ता

  • राजस्व दवाब के बावजूद राजकोषीय घाटे में सुधार
  • कोविड-19 महामारी से स्वास्थ्य एवं आजीविका संकट में केंद्र-राज्यों का बेहतर समन्वय
  • जीएसटी संग्रह के बेहतर संकेत  

    विद्यमान  चुनौतियाँ

  • सुधार के साथ कुछ चुनौतियाँ अभी भी  बनी हुई हैं  राजकोषीय घाटे में सुधार हुआ लेकिन राजस्व घाटे में पर्याप्त कमी नहीं आई है।
  • 17 प्रमुख राज्यों में से 13 राज्यों के राजस्व खाते में घाटा है। जिसमे 7 राज्यों का घाटा राजकोषीय घाटे से प्रेरित हैं (आंध्र प्रदेश, हरियाणा, केरल, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल)  
  •  वित्त आयोग ने अपने मूल्यांकन में इन सात राज्यों को राजकोषीय रूप से तनावग्रस्त राज्यों की संज्ञा दी है

एक विश्वसनीय राजकोषीय समायोजन योजना के साथ राजस्व घाटे में कमी  राजकोषीय संतुलन को बहाल करने और व्यय की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा। राजकोषीय स्वास्थ्य पर  समेकित प्रयास भुगतान संतुलन, निजी निवेश और जीवन गुणवत्ता में सुधार कर ऋण के बोझ को हल्का करेंगे।

प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन  राजकोषीय घाटे के नकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित नहीं करता/करते है/हैं?

1) निजी निवेश हतोत्साहित
2) विदेशी मुद्रा भंडार में कमी
3) मुद्रास्फीति में कमी 

(a) केवल 1

(c) तीनों 

(b) केवल 2

(d) इनमे से कोई नहीं

 मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न : राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था को नकारात्मक रूप से प्रभावित  करता है? आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR