चर्चा में क्यों?
सिंधु जल संधि निलंबन के कुछ ही सप्ताह बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 1,000 मेगावाट की पाकल दुल जलविद्युत परियोजना की बिजली पारेषण लाइन को तेजी से मंजूरी दी।

प्रमुख बिंदु:
- केंद्र सरकार ने इस परियोजना की विद्युत पारेषण लाइन की मंजूरी प्रक्रिया में तेजी ला दी है।
- यह निर्णय भारत के जल संसाधनों पर स्वतंत्र नियंत्रण की दिशा में उठाया गया रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
- पाकल दुल परियोजना चेनाब नदी की एक सहायक नदी पर स्थित है।
- यह परियोजना भारत की ऊर्जा सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
पाकल दुल परियोजना के बारे में:
- स्थान: किश्तवाड़ ज़िला, जम्मू और कश्मीर
- नदी: मारुसुदर नदी (चेनाब की सहायक नदी)
- क्षमता: 1,000 मेगावाट (4 x 250 MW)
- परियोजना का प्रकार: जलाशय आधारित पनबिजली परियोजना
- निर्माण एजेंसी: Chenab Valley Power Projects Pvt. Ltd. (CVPPPL) - NHPC, JKSPDC और PTC इंडिया लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम
- बांध का प्रकार: कंक्रीट फेस रॉक फिल डैम
- उद्देश्य:
- बिजली उत्पादन
- जल संसाधनों का समुचित उपयोग
- जम्मू-कश्मीर की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना
रणनीतिक महत्त्व:
- पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि के तहत भारत को चेनाब नदी पर सीमित अधिकार प्राप्त हैं।
- यह परियोजना भारत को अपने हिस्से के जल पर नियंत्रण और उपयोग की रणनीतिक क्षमता प्रदान करती है।
- सिंधु संधि निलंबन के बाद इसे और अधिक भूराजनीतिक महत्त्व प्राप्त हुआ है।
प्रश्न : भारत ने किस राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में पाकल दुल जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी है?
(a) हिमाचल प्रदेश
(b) जम्मू और कश्मीर
(c) उत्तराखंड
(d) पंजाब
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