New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

चंद्रयान मिशन-3

प्रारंभिक परीक्षा - चंद्रयान मिशन-3
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न प्रत्र 3 – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चर्चा में क्यों?

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 13 जुलाई को किया जायेगा।

Chandrayaan

चंद्रयान-3

  • चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जो चाँद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और रोविंग की एंड-टू-एंड क्षमता प्रदर्शित करता है। 
  • इसमें लैंडर और रोवर विन्यास शामिल हैं। 
  • इसे एलवीएम3 द्वारा एसडीएससी शार, श्रीहरिकोटा से प्रमोचित किया जाएगा। 
  • प्रणोदन मॉड्यूल 100 किमी चंद्र कक्षा तक लैंडर और रोवर विन्यास को ले जाएगा। 
  • प्रणोदन मॉड्यूल में चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय मीट्रिक मापों का अध्ययन करने के लिए स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (एसएचएपीई) नीतभार लगाया गया है।
  • चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित और प्रदर्शित करना है। 
  • लैंडर के पास निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंड करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी जो इसकी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह के इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करेगा। 
  • लैंडर और रोवर के पास चाँद की सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक नीतभार हैं। 
  • पीएम का मुख्य कार्य एलएम को लॉन्च व्हीकल इंजेक्शन से अंतिम चंद्र 100 किमी गोलाकार ध्रुवीय कक्षा तक ले जाना और एलएम को पीएम से अलग करना है। 
  • इसके अलावा, प्रणोदन मॉड्यूल में मूल्यवर्धन के रूप में एक वैज्ञानिक नीतभार भी है जिसे लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के बाद संचालित किया जाएगा। 
  • चंद्रयान-3 के लिए चिन्हित किया गया लॉन्चर जीएसएलवी-एमके3 है जो एकीकृत मॉड्यूल को ~170x36500 किमी आकार के एलिप्टिक पार्किंग ऑर्बिट (ईपीओ) में स्थापित करेगा।

चंद्रयान-3 के मिशन का उद्देश्य:

  • चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना
  • रोवर को चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन करना और
  • यथास्थित वैज्ञानिक प्रयोग करना

चंद्रयान-3 के लैंडर में लगाये गए उपकरण:

  • अल्टीमीटर: लेजर और आरएफ आधारित अल्टीमीटर
  • वेलोसीमीटर : लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर और लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरा
  • जड़त्वीय मापन: लेजर गायरो आधारित जड़त्वीय संदर्भ और एक्सेलेरोमीटर पैकेज
  • प्रणोदन प्रणाली: 800N थ्रॉटलेबल लिक्विड इंजन, 58N एटिट्यूड थ्रस्टर्स और थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स
  • नौवहन, गाइडेंस एंड कंट्रोल (NGC): पावर्ड डिसेंट ट्रैजेक्टरी डिजाइन और सहयोगी सॉफ्टवेयर तत्व
  • खतरे का पता लगाना और बचाव : लैंडर खतरे का पता लगाना और बचाव कैमरा और प्रसंस्करण एल्गोरिथम
  • लैंडिंग लेग तंत्र

महत्त्व:

  • पूर्ववर्ती चन्द्रयान मिशन (चन्द्रयान-1) ने भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में बहुमूल्य ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने में मदद की है, जिसे उपग्रह प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष पर्यटन जैसे अन्य क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है।
  • चंद्रयान-1 द्वारा चंद्रमा पर पानी की खोज ने अंतरिक्ष अन्वेषण और संसाधन उपयोग के लिए नई संभावनाएं खोल दी हैं, जिसमें भविष्य में चाँद पर उपनिवेशों और अंतरिक्ष खनन की क्षमता भी शामिल है।
  • भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला दुनिया का चौथा देश है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X