चर्चा में क्यों?
शरीया कानून के तहत चिंताओं के चलते तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में शतरंज पर रोक लगाई।

प्रतिबंध के पीछे कारण:
- शतरंज एक प्रकार का जुआ:
- तालिबान का मानना है कि शतरंज एक प्रकार का जुआ है।
- लोगों को भटकाता:
- यह लोगों को नमाज़ जैसी धार्मिक जिम्मेदारियों से भटकाता है।
- इस्लामी कानून (शरिया):
- इस्लामी कानून (शरिया) की उनकी व्याख्या के अनुसार,
- ऐसी गतिविधियाँ जो धार्मिक कर्तव्यों से ध्यान हटाती हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
स्थानीय प्रभाव:
- काबुल के कई कैफ़े, जहां शतरंज खेला जाता था, उन्होंने यह गतिविधि बंद कर दी है।
- शतरंज युवाओं में एक लोकप्रिय मानसिक व्यायाम और मनोरंजन का साधन था।
- कैफ़े मालिक अज़ीज़ुल्लाह गुलज़ादा ने कहा कि यह प्रतिबंध मानसिक स्वास्थ्य और व्यवसाय दोनों पर बुरा असर डालता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
- मानवाधिकार संगठनों और खेल निकायों ने इस प्रतिबंध की आलोचना की है।
- ईरान, मिस्र और इंडोनेशिया जैसे अन्य मुस्लिम बहुल देशों में शतरंज को स्वीकार्यता प्राप्त है।
शतरंज के बारे में:
- शतरंज दो खिलाड़ियों द्वारा खेला जाने वाला एक रणनीतिक खेल है, जो बुद्धि, धैर्य और पूर्वानुमान की परीक्षा लेता है।
- इसे "बुद्धिजीवियों का खेल" भी कहा जाता है।
- आधुनिक शतरंज का स्वरूप लगभग 15वीं सदी में यूरोप में विकसित हुआ,
- लेकिन इसकी जड़ें भारत के चतुरंग नामक प्राचीन खेल में मानी जाती हैं।