New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

चीन नेपाल संबंध

चर्चा में क्यों

हाल ही में, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नेपाल के शीर्ष नेतृत्व के साथ आपसी सहयोग पर द्विपक्षीय वार्ता की। विदित है कि शेर बहादुर सिंह देउबा के पिछले वर्ष पाँचवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद किसी उच्च पदस्थ चीनी अधिकारी की नेपाल की यह पहली यात्रा थी। 

प्रमुख बिंदु

  • दोनों देशों ने विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित नौ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये। इनमें से एक सीमा-पार रेलवे पर है, जो नेपाल और चीन के बीच ट्रांस-हिमालयी बहु-आयामी संपर्क  नेटवर्क का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। 
  • आर्थिक और तकनीकी सहयोग के तहत चीन, नेपाल को दी जाने वाली अपनी वार्षिक सहायता को 13 बिलियन से बढ़ाकर 15 बिलियन कर देगा।
  • इन समझौतों के तहत चीन रातामेट-रासुवागढ़ी-केरुंग ट्रांसमिशन लाइन के नए संरेखण का वित्तपोषण भी करेगा। यह समझौता नेपाल पावर ग्रिड इंटरकनेक्शन के व्यवहार्यता अध्ययन पर आधारित है। एक अन्य समझौता चीन में आयातित सामानों के लिये 98 प्रतिशत शुल्क मुक्त व्यवस्था प्रदान करने के बारे में है। 
  • कोविड-19 वैक्सीन सहायता समझौते के तहत चीन, नेपाल को सिनोवैक की 4 मिलियन अतिरिक्त खुराक प्रदान करेगा।

राजनयिक यात्रा के निहितार्थ 

  • चीन के शीर्ष राजनयिक की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इस यात्रा के कुछ समय पूर्व ही नेपाल ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्त पोषित अनुदान समझौते ‘मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन’ (MCC) का संसदीय अनुसमर्थन किया था। सूत्रों के मुताबिक़ चीन इस पक्ष में नहीं था कि नेपाल एम.सी.सी. समझौते की पुष्टि करे।   
  • गौरतलब है कि एम.सी.सी. कार्यक्रम के तहत अमेरिका से प्राप्त अनुदान सहायता का उपयोग मुख्य रूप से नेपाल की ट्रांसमिशन लाइन को मज़बूत करने और देश के सड़क नेटवर्क में सुधार करने के लिये किया जाएगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X