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जलवायु सम्मेलन, 2024

प्रारम्भिक परीक्षा – जलवायु सम्मेलन, 2024
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ

  • भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 12 जनवरी, 2024 को मुंबई, महाराष्ट्र में जलवायु सम्मेलन, 2024 का आयोजन किया गया।

Climate-Conference-2024

प्रमुख बिंदु :-

  • जलवायु सम्मेलन 2024, जिसका थीम :- "भारत के लिए हरित परिवर्तन को डिकोड करना" (Themed :- Decoding the Green Transition for India) है। 
  • भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम वित्तीय संसाधनों और तकनीकी क्षमताओं को जुटाने में निजी क्षेत्र, जलवायु तकनीक स्टार्टअप और संस्थागत निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है। 

जलवायु सम्मेलन 2024 का लक्ष्य :-

  • इस सम्मेलन का लक्ष्य सरकारी प्रयासों का लाभ उठाना, नागरिक समाज और समुदायों को शामिल करना और नवीन जलवायु सेवाओं और अनुकूलन प्रौद्योगिकियों को विकसित करना था। 
  • सम्मेलन का आयोजन ग्रीन क्लाइमेट फंड रेडीनेस प्रोग्राम के तहत डिलीवरी पार्टनर UNDP इंडिया के साथ और नॉलेज पार्टनर अवाना कैपिटल द्वारा समर्थित है।

इस सम्मलेन में प्रमुख विषयों पर कार्य करने पर ध्यान दिया गया है :-

Climate-Conference

  • इस सम्मलेन में जलवायु परिवर्तन के कारण चरम घटनाओं के वैश्विक प्रभाव को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई, योजना और वित्त जुटाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। 
  • पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE) तथा उपभोक्ता विकल्पों के लिए ECOMARK लेबलिंग की अवधारणा पर पुनःचर्चा हुई। 
  • बीमा और जोखिम शमन, जलवायु स्टार्टअप को मुख्यधारा में लाने तथा उन्हें उद्योग और व्यापार मॉडल तक बढ़ाने की आवश्यकता है। 
  • जलवायु कार्रवाई के लिए बायोमास उपयोग और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी गतिविधियों पर भी कार्य करने की योजना है।
  • भारत के औद्योगीकरण, शहरीकरण और विकास के लिए महत्वपूर्ण पांच क्षेत्रों नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, विद्युत गतिशीलता, ऊर्जा दक्षता और चक्रीय अर्थव्यवस्था(Circular economy) की आवश्यकता है। 
  • बचत और बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। 
  • हरित हाइड्रोजन और भंडारण प्रणाली की क्षमता का विकास किया जायेगा।

2070 तक कार्बन उत्सर्जन नेट-शून्य:-

  • 2070 तक कार्बन उत्सर्जन नेट-शून्य हासिल करने के लिए भारत के रोडमैप को रेखांकित किया गया है; जिसमें ऊर्जा प्रणालियों को बदलने, CO2 उत्सर्जन को कम करने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, जैव विविधता को बढ़ाने और सामाजिक रूप से न्यायसंगत और समावेशी तरीके से जलवायु लचीलेपन को बढ़ाने के लिए हरित संक्रमण निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 
  • जलवायु-तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर जोर दिया गया।

निष्कर्ष 

  • इस आयोजन के माध्यम से सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने, टिकाऊ, जलवायु-लचीली प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं के विकास और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाया गया है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:-हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जलवायु सम्मेलन, 2024 का आयोजन कहाँ पर किया गया? 

(a)  दिल्ली

(b)  मुंबई

(c)  सूरत

(d)  केरल

उत्तर: (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- जलवायु परिवर्तन के कारण चरम घटनाओं के वैश्विक प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करें?

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