New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

कृत्रिम वर्षा (Cloud Seeding)

प्रारम्भिक परीक्षा – क्लाउड सीडिंग/ कृत्रिम वर्षा, वायु प्रदूषण में कमी
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3

संदर्भ

  • दिल्ली सरकार सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक के इस्तेमाल पर विचार कर रही है।

cloud-seeding

प्रमुख बिंदु

  • पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग कार्य योजना तैयार की जाएगी।
  • विशेषज्ञों ने हॉटस्पॉट के वायु प्रदूषण स्रोतों से निपटने के लिए अलग कार्य योजना तैयार करने का भी सुझाव दिया। 
  • दिल्ली में आनंद विहार, वजीराबाद, विवेक विहार, वजीरपुर, अशोक विहार, द्वारका, जहांगीरपुरी, रोहिणी, बवाना, नरेला, मुंडका, पंजाबी बाग, आरके पुरम और ओखला फेज 2 इत्यादि प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट हैं। 

कृत्रिम वर्षा

  • क्लाउड सीडिंग मौसम में बदलाव लाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बादलों से इच्छानुसार वर्षा कराई जा सकती है।
  • क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) के लिये सबसे पहले वायुमंडल में हेलीकॉप्टर/ विमानों से सिल्वर आयोडाइड (Silver Iodide) या ठोस कार्बन डाइऑक्साइड (ड्राई आइस), पोटैशियम आयोडाइड आदि का छिड़काव किया जाता है । 
  • विमान में सिल्वर आयोडाइड के दो बर्नर या जनरेटर लगे होते हैं, जिनमें सिल्वर आयोडाइड का घोल उच्च दाब (हाई प्रेशर) के साथ भरा होता है।
  • जहाँ बारिश करानी होती है वहाँ पर हवा की विपरीत दिशा में इसका छिड़काव किया जाता है।
  • इस छिड़काव के लिए वैज्ञानिकों द्वारा मौसम के आँकड़ों का सहारा लिया जाता है।
  • जिससे यह पता चलता है कि कहाँ और किस बादल पर छिड़कने से बारिश की संभावना ज़्यादा होगी।
  • कृत्रिम वर्षा की इस प्रक्रिया में बादल के छोटे-छोटे कण हवा से नमी सोखते हैं और संघनन से उसका द्रव्यमान बढ़ जाता है। इससे जल की भारी बूँदें बनने लगती हैं और वे बरसने लगती हैं।

क्लाउड सीडिंग का उपयेाग

  • क्लाउड सीडिंग का उपयेाग वर्षा में वृद्धि करने, ओलावृष्टि के नुकसान को कम करने, कोहरा हटाने तथा तात्कालिक रूप से वायु प्रदूषण कम करने के लिये भी किया जाता है।

क्लाउड सीडिंग से सम्बंधित समस्याएं

  • क्लाउड सीडिंग बहुत ही खर्चीला होता है इसके लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है । 
  • क्लाउड सीडिंग के द्वारा 1 वर्गफीट बारिश कराने की लागत करीब 15 हजार रुपए आती है। भारत में कर्नाटक सरकार ने दो - साल तक क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट पर काम किया, जिसकी लागत करीब 89 करोड़ रुपए आई ।
  • ड्रोन टेक्नोलॉजी से उम्मीद की जा रही है कि इससे बारिश की मात्रा को और बढ़ाया जा सकेगा।
  • कृत्रिम बारिश की टेक्नोलॉजी अमेरिका ने 1945 में विकसित की थी। 
  • भारत के तमिलनाडु राज्य ने 1983, 1984-87 एवं 1993-94 में इस पर काम किया। कर्नाटक ने 2003-04 में बारिश कराई। आईआईटी कानपुर इस पर शोध कर रहा है।

सिल्वर आयोडाइड से संबंधित विशेष तथ्य

  • सिल्वर आयोडाइड को सिल्वर के आयन के विलयन से अभिक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है।
  • सिल्वर आयोडाइड एक अकार्बनिक घटक है जिसका उपयोग कृत्रिम वर्षा कराने करने के लिए किया जाता है।
  • सिल्वर आयोडाइड का सूत्र Agl है।
  • इसका उपयोग रोगाणुरोधक (एंटीसेप्टिक) के रूप में किया जाता है। 
  • फोटोग्राफी में सिल्वर ब्रोमाइड का उपयोग भी किया जाता है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- कृत्रिम वर्षा के लिए मेघ बीजन की प्रक्रिया में किस रसायन का निर्माण किया जाता है?

(a) सिल्वर फ्लोराइड

(b) सिल्वर ब्रोमाइड

(c) चाँदी की माला

(d) सिल्वर आयोडाइड

उत्तर : (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  कृत्रिम वर्षा से आप क्या समझते हैं? यह वायु प्रदूषण को कम करने में किस प्रकार से सहायक है स्पष्ट कीजिए?



« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR