New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Month End Sale offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Month End Sale offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

भारतीय निर्यातकों की चिंता

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ-

  • रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्च ब्याज दरों के कारण कम मांग से वर्ष,2023 में भारत के माल निर्यात में गिरावट देखी गई है। ऐसे में चीन में बढ़ती श्वसन संबंधी बीमारी ने निर्यातकों के बीच मांग को लेकर चिंता उत्पन्न कर दी है।

मुख्य बिंदु-

  • चीन भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।
  • चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों के कारण प्रभावी फार्मास्युटिकल सामग्री (Active Pharmaceutical Ingredients (APIs)) और इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड सर्किट (EICs) जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जो भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक और फार्मास्युटिकल विनिर्माण उद्योग के लिए घातक हो सकता है। 

निर्यात पर प्रभाव-

  • अक्टूबर,2023 में अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक और फार्मास्युटिकल उत्पादों के निर्यात में सुधार देखा गया है, तो चीन में संपत्ति क्षेत्र में गहराते संकट (property sector crisis) के कारण इन वस्तुओं के निर्यात में लगातार गिरावट देखी गई है।
  • वित्त वर्ष,2023 में चीन को निर्यात 28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15.32 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 4.16 प्रतिशत बढ़कर 98.51 बिलियन डॉलर हो गया।
  • अक्टूबर,2023 में चीन को भारत से इंजीनियरिंग सामान का निर्यात पिछले महीने के 260.30 मिलियन डॉलर की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक गिरकर 213.24 मिलियन डॉलर हो गया। 
  • भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग निर्यात की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत है।
  • चीन को इंजीनियरिंग निर्यात में गिरावट आ रही है, किंतु ऑस्ट्रेलिया, रूस, सऊदी अरब, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका जैसे अन्य क्षेत्रों में इसमें सुधार हुआ है। 
  • भारत काफी हद तक प्रभावी फार्मास्युटिकल सामग्री (APIs) की आपूर्ति पर निर्भर करता है - जो भारत में पर्मा (parma) विनिर्माण के लिए प्रमुख तत्व है। 
  • चीन में कोरोनोवायरस बीमारी (कोविड -19) के प्रकोप के दौरान चीन से APIs की आपूर्ति में व्यवधान एक प्रमुख डर था। 
  • चीन से APIs आयात का प्रतिशत 1991 में लगभग 1% से बढ़कर 2019 में लगभग 70% हो गया है। 

व्यापार के तरीकों में बदलाव-

  • आयात निर्बाध है, लेकिन COVID-19 के बाद चीन के साथ व्यापार करने के तरीके बदल गए हैं। 
  • व्यापारियों द्वारा शारीरिक यात्रा में लगभग 80 प्रतिशत की गिरावट आई है और अधिकांश बैठकें ज़ूम कॉल पर आयोजित की जाती हैं। 
  • सरकार द्वारा घोषित गैर-टैरिफ वस्तुओं, जैसे कि- खिलौनों और अन्य उत्पादों पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को छोड़कर चीन से आयात निर्बाध है।
  • आयात में अभी तक व्यवधान का सामना नहीं करना पड़ा है।

निर्यातकों की चिंता-

  • निर्यातक चिंतित हैं, क्योंकि चीन पहले से ही प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है जिससे मांग प्रभावित हुई है। 
  • तत्काल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि दो से तीन महीने का स्टॉक बचा है, किंतु यह महत्वपूर्ण है कि अंतराल को रोका जाए।
  • चीन में बढ़ती श्वसन संबंधी बीमारियों के कारण पहले से ही घट रहे निर्यात पर और प्रभाव पड़ सकता है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- भारत अपनी वस्तुओं एवं सेवाओं का सर्वाधिक निर्यात किस देश को करता है?

(a) संयुक्त राज्य अमेरिका

(b) चीन

(c) यूनाइटेड अरब अमीरात

(d) बांग्लादेश

उत्तर- (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- चीन में बढ़ती श्वसन संबंधी बीमारी ने निर्यातकों के बीच मांग को लेकर चिंता उत्पन्न कर दी है। समीक्षा कीजिए।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X