New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

16 वें वित्त आयोग का गठन

प्रारंभिक परीक्षा – वित्त आयोग
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - संघीय ढाँचे से संबंधित विषय, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण, संवैधानिक निकाय

सन्दर्भ 

  • केंद्र सरकार द्वारा 16वें वित्त आयोग की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय आमतौर पर वित्त आयोग के संदर्भ की शर्तों को अधिसूचित करेगा और आयोग को आमतौर पर संदर्भ की शर्तों पर विचार करने, राज्यों से परामर्श करने और अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए लगभग दो वर्ष का समय प्रदान किया जाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • 15वें वित्त आयोग की स्थापना 2017 में 2020-21 से पांच वर्ष की अवधि के लिए सिफारिशें करने के लिए की गई थी और इसके शासनादेश को 2025-26 तक एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था।
  • पिछली बार 9वें वित्त आयोग के लिए छह साल की समय - सीमा दी गई थी, जिसे 1987 में स्थापित किया गया था।
  • 16वें वित्त आयोग के लिए एक प्रमुख नई चुनौती एक अन्य स्थायी संवैधानिक निकाय, GST परिषद का सह-अस्तित्व होगा।
  • विशेषज्ञों के अनुसार कर दर में बदलाव पर जीएसटी परिषद के फैसले से वित्त आयोग द्वारा राजकोषीय संसाधनों को साझा करने के लिए की गई राजस्व गणना बदल सकती है।

वित्त आयोग 

  • वित्त आयोग संघ और राज्य सरकारों के बीच कुछ राजस्व संसाधनों के आवंटन के उद्देश्य से स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। 
  • राष्ट्रपति द्वारा इसका गठन संविधान के अनुछेद 280 के तहत प्रत्येक 5 वर्ष या मध्यावधि में आवश्यकतानुसार किया जाता है, यह एक अर्ध-न्यायिक निकाय है। 
  • इसका मुख्य दायित्व संघ व राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना, उनके बीच करों के बटवारे की संस्तुति करना तथा राज्यों के बीच इन करों के वितरण हेतु सिद्धांतो का निर्धारण करना है। 
  • वित्त आयोग की कार्यशैली की विशेषता सरकार के सभी स्तरों पर व्यापक एवं गहन परामर्श कर सहकारी संघवाद के सिद्धांत को सुदृढ़ करना है। 
  • इसकी संस्तुतियां सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार लाने और राजकोषीय स्थिरता को बढ़ाने की दिशा में भी सक्षम होती है। 
  • वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
  • वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशें सलाहकारी प्रवृत्ति की होती हैं, इसे मानना या ना मानना सरकार पर निर्भर करता है।
  • प्रथम वित्त आयोग 1951 में गठित किया गया था और अब तक पंद्रह वित्त आयोग गठित किये जा चुके हैं। 
  • सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अनुसार वित्त आयोग के पास सिविल कोर्ट की सभी शक्तियाँ होती हैं।
    • यह किसी भी गवाह को बुला सकता है, या किसी अदालत या कार्यालय से किसी भी सार्वजनिक रिकॉर्ड या दस्तावेज को पेश करने के लिए कह सकता है।

सदस्य 

  • वित्त आयोग में एक अध्यक्ष के साथ चार अन्य सदस्य होते हैं जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • वित्त आयोग के सदस्य राष्ट्रपति द्वारा अपने आदेश में निर्दिष्ट अवधि के लिए पद धारण करते हैं।
  • संविधान ने संसद को वित्त आयोग के सदस्यों के चयन की प्रक्रिया और तदनुसार उनकी योग्यता निर्धारित करने का अधिकार दिया है।
  • वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है, जिसे सार्वजानिक मामलों का पर्याप्त अनुभव हो।
  • वित्त आयोग के सदस्यों के लिए निर्धारित योग्यता -
    • उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या इस पद के लिए योग्य व्यक्ति।
    • ऐसा व्यक्ति जिसे भारत के वित्त एवं लेखा मामलों का विशेष ज्ञान हो। 
    • प्रशासन के साथ-साथ वित्तीय और आर्थिक मामलों में व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाला व्यक्ति।
    • ऐसा व्यक्ति जिसे अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञान हो। 
  • भारत के राष्ट्रपति वित्त आयोग के सदस्यों के कार्यकाल को निर्दिष्ट करते हैं। 
  • सामान्यता सदस्यों को 5 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है, लेकिन कुछ विशिष्ट शर्तों के तहत सदस्यों को फिर से नियुक्त किया जा सकता है।

वित्त आयोग के कार्य

  • अनुच्छेद 280 (3) वित्त आयोग के कार्यों के बारे में बताता है, इसके अनुसार वित्त आयोग का कर्तव्य होगा कि वह निम्नलिखित मामलों पर राष्ट्रपति को सिफारिशें करे - 
    • केंद्र और राज्यों के बीच शुद्ध कर आय वितरण तथा राज्यों के बीच उसका आवंटन। 
    • केंद्र सरकार द्वारा भारत की संचित निधि में से राज्यों को सहायता अनुदान को शासित करने वाले सिद्धांत।
    • राज्य वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य की पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य की समेकित निधि का विस्तार करने के लिए आवश्यक कदम।
    • सुदृढ़ वित्त के हित में कोई भी मामला जो राष्ट्रपति द्वारा आयोग को भेजा गया हो।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR