भारत ने जॉर्जिया में आयोजित 11वें BACSA अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन– CULTUSERI 2025 में भाग लिया, जहां भारत ने रेशम क्षेत्र में अपनी प्रगति, अनुसंधान एवं नवाचार का प्रदर्शन किया।
11वां BACSA अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन – CULTUSERI 2025
- स्थान: त्बिलिसी, जॉर्जिया
- तिथि : 16 से 21 नवंबर, 2025 तक
- विषय: सांस्कृतिक, रचनात्मक उद्योगों एवं पर्यटन उद्देश्यों के लिए रेशम की उत्तम प्रथाओं के दोहन पर पारंपरिक ज्ञान
- आयोजक: ब्लैक, कैस्पियन सीज़ एंड सेंट्रल एशिया सिल्क एसोसिएशन (BACSA), EU होराइजन प्रोजेक्ट ARACNE, जॉर्जियाई स्टेट सिल्क म्यूज़ियम, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया और जॉर्जियाई साइंटिफिक रिसर्च सेंटर फॉर एग्रीकल्चर ने संयुक्त रूप से इसका आयोजन किया।
भारत-जॉर्जिया सहयोग : मुख्य बिंदु
- भारत के केंद्रीय रेशम बोर्ड (CSB) और अंतर्राष्ट्रीय रेशम उत्पादन आयोग (ISC) के महासचिव श्री पी. शिवकुमार के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल कई संस्थानों, प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों व उद्योगों से मिला।
- इन बैठकों में निम्न मुद्दों पर विशेष ज़ोर दिया गया:
- द्विपक्षीय वस्त्र व्यापार बढ़ाना
- रेशम उत्पादन में संयुक्त अनुसंधान
- तकनीकी सहयोग और कौशल विकास
- उच्च मूल्य वाले कालीन एवं वस्त्र उत्पादों में विविधीकरण
- बाजार पहुँच (Market Access) को बेहतर बनाना
5-इन-1 सिल्क स्टॉल: भारत का नवाचार
- इसमें भारत की पाँच प्रमुख रेशम किस्मों- शहतूत, ओक टसर, उष्णकटिबंधीय टसर, मूगा व एरी का समेकित प्रदर्शन किया गया।
- यह उत्पाद भारत की समृद्ध रेशम विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक बाज़ारों में इसकी बड़ी संभावनाएँ हैं।

जॉर्जिया: एक संक्षिप्त परिचय
- अवस्थिति: पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के संगम पर स्थित ट्रांसकॉकासियन देश
- राजधानी: तिब्लिसी
- सीमाएँ: रूस, अज़रबैजान, आर्मेनिया, तुर्किये और काला सागर
- देश का बड़ा हिस्सा पर्वतीय है; ग्रेटर कॉकसस और लेसर कॉकसस पर्वत श्रृंखलाएँ।
- यहाँ की जलवायु पश्चिम में आर्द्र उप-उष्णकटिबंधीय और पूर्व में अधिक शुष्क है।
- यह देश यूरोप-एशिया के बीच एक सामरिक पुल है और ऊर्जा पाइपलाइनों के लिए महत्त्वपूर्ण मार्ग भी।
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