चर्चा में क्यों ?
भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) का गठन किया है। यह निर्णय कई राज्यों में भीषण बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बाद लिया गया है। NCMC का उद्देश्य आपदा प्रबंधन को प्रभावी, समन्वित और सशक्त बनाना है।

गठन और कानूनी आधार
- NCMC का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 के धारा 8A(2) के अंतर्गत किया गया है।
- इसका विधिवत गठन गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर किया गया।
- यह अधिनियम केंद्र सरकार को आपदा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय का अधिकार प्रदान करता है।
समिति की संरचना
- कैबिनेट सचिव : अध्यक्ष
- केंद्रीय गृह सचिव : सदस्य
- रक्षा सचिव : सदस्य
- कैबिनेट सचिवालय के सचिव (समन्वय) : सदस्य
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के प्रमुख : सदस्य
- आवश्यकता होने पर अध्यक्ष अन्य विशेषज्ञों या अधिकारियों को आमंत्रित कर सकते हैं।
प्रमुख कार्य एवं उद्देश्य
- संभावित और वर्तमान आपदाओं की स्थिति की पूर्व तैयारी का मूल्यांकन।
- आवश्यक निर्देश जारी कर आपदा प्रतिक्रिया की तैयारी को सुदृढ़ करना।
- राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और NDMA के कार्यों का समन्वय।
- आपदा से संबंधित गतिविधियों की निगरानी और आवश्यकतानुसार त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना।
समन्वय और निगरानी की भूमिका
- प्रभावी आपदा प्रबंधन हेतु बहु-एजेंसी समन्वय आवश्यक होता है।
- NCMC विभिन्न सरकारी विभागों, सेना, NDRF, NGOs और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर योजनाओं को लागू करता है।
- यह बचाव, राहत और पुनर्वास संबंधी कार्यों की निगरानी करता है और आवश्यक निर्देश देता है।
प्रश्न. हाल ही में गठित राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) किस अधिनियम के अंतर्गत गठित की गई है ?
(a) पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
(b) आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005
(c) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980
(d) आपदा राहत कोष अधिनियम, 2002
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