New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM July End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM

विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

संदर्भ

हाल ही में, डॉलर के अधिमूल्यन एवं भारत से पूंजी के बहिर्वाह के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में निरंतर कमी हो रही है। यह वर्तमान में 572.71 बिलियन डॉलर हो गया है, जो 3 सितंबर, 2021 को 642.45 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया था।  

गिरावट के कारण 

विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति (FCA) में कमी आना है, जो देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा भाग है। इसके अतिरिक्त स्वर्ण रिज़र्व भंडार में भी निरंतर कमी आ रही है। इस भंडार में हो रही निरंतर कमी के प्रमुख कारण इस प्रकार है-

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा पूंजी बहिर्वाह : अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा कठोर मौद्रिक नीति एवं ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये जाने के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investor: FPI) द्वारा भारत से पूंजी बहिर्वाह किया जा रहा है, जो विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है।  विदित है कि विदेशी निवेशकों ने इस वर्ष जनवरी से अब तक इक्विटी बाजार से 2.24 लाख करोड़ रुपए तथा ऋण से 15,749 करोड़ रुपए निकाले हैं, जिससे रुपए एवं विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ा है।
  • संपत्ति के डॉलर मूल्य में कमी : विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट संपत्ति के डॉलर मूल्य में कमी के कारण हुई है। उदाहरण के लिये, यदि भंडार का एक हिस्सा यूरो में है और यूरो डॉलर के मुकाबले मूल्यह्रास करता है, तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार के मूल्य में गिरावट आएगी। 
  • भारतीय रुपए का अवमूल्यन : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले के रुपए के अवमूल्यन ने  विदेशी मुद्रा भंडार के गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रूपए को समर्थन देने के लिये बैंकों को डॉलर बेचने का निर्देश दिया जाता है। इस प्रकार, आर.बी.आई. द्वारा रुपए की गिरावट को रोकने के लिये बाज़ार में बार-बार हस्तक्षेप किया जा रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। 
  • भारत का बढ़ता चालू खाता घाटा : एक देश आम तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार तब जमा करता है जब वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात मूल्य, आयात मूल्य से अधिक होता है। इस प्रकार, चालू खाता अधिशेष से विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण होता है। विदित है कि वर्तमान वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात और आयात के बीच की खाई पिछले वर्ष की तुलना में अधिक चौड़ी हो गई है। इस तिमाही में भारत का  व्यापार घाटा लगभग 70 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है, जो कि औसतन 23.3 बिलियन डॉलर प्रति माह है। 
  • स्वर्ण भंडार की स्थिति : विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक अन्य प्रमुख कारण स्वर्ण रिज़र्व भंडार में हो रही कमी है। 8 जुलाई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान केंद्रीय बैंक के कोष में रखे गए सोने का मूल्य 1.23 बिलियन डॉलर घटकर 39.18 बिलियन डॉलर हो गया है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR