दिल्ली सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, आधुनिक एवं पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ योजना की शुरुआत की गई है।
यह योजना दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देती है, लेकिन अब यह केवल दिल्ली के वैध निवासियों तक सीमित कर दी गई है।
मुख्य बिंदु:
योजना की घोषणा और उद्देश्य:
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) द्वारा गुलाबी टिकट योजना को बंद कर ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ की शुरुआत की गई।
उद्देश्य: मुफ्त यात्रा योजना के दुरुपयोग को रोकना और प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाना।
लाभार्थियों की पात्रता:
केवल दिल्ली निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर व्यक्ति पात्र होंगे।
आधार कार्ड और दिल्ली का वैध पता अनिवार्य।
कार्ड पर उपयोगकर्ता का नाम और फोटो होगा।
ऑनलाइन आवेदन और वितरण:
DTC की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की सुविधा।
कार्ड स्वीकृति के बाद डाक के माध्यम से लाभार्थी को भेजा जाएगा।
परिवर्तन की आवश्यकता:
दिल्ली के परिवहन मंत्री के अनुसार, नकली गुलाबी टिकट के माध्यम से योजना का दुरुपयोग हो रहा था।
सहेली कार्ड से वास्तविक उपयोगकर्ताओं की पहचान सुनिश्चित होगी, और योजना में पारदर्शिता आएगी।
तकनीकी विशेषताएँ और स्मार्ट प्रणाली:
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) से जुड़ाव:
कार्ड को मेट्रो, फीडर बस, पार्किंग, दुकानों आदि में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
डिजिटल इंडिया मिशन से तालमेल।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार:
DTC द्वारा 12,000 से अधिक कार्ड रीडर, QR कोड आधारित टिकटिंग प्रणाली, मोबाइल ऐप्स की शुरुआत।
यूजर कार्ड रिचार्ज, बैलेंस चेक और यात्रा योजना बना सकेंगे।
सीमाएँ और आलोचना:
भौगोलिक सीमा:
योजना केवल दिल्ली के भीतर रहने वालों के लिए है।
नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम जैसे एनसीआर क्षेत्र के निवासी योजना से वंचित रहेंगे, भले ही वे दिल्ली में कार्यरत हों।
डिजिटल पहुँच की चुनौती:
तकनीकी रूप से पिछड़े क्षेत्रों या बुजुर्ग महिलाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
प्रश्न. ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ योजना किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा शुरू की गई है?