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DIR-V (डिजिटल इंडिया RISC-V)

प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी, DIR-V (डिजिटल इंडिया RISC-V)
मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों-

  • 6 अगस्त 2023 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अत्याधुनिक प्रतिस्पर्धी प्रणालियां विकसित करने में उद्योगों को समर्थन देने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध और तैयार है।

मुख्य बिंदु-

  • आईआईटी मद्रास में आयोजित ‘डिजिटल इंडिया आरआईएससी-V(RISC-V)’ कार्यक्रम में श्री चंद्रशेखर ने कहा कि, भारत के पास एक रोमांचक अवसर है और उस अवसर को उपयोगी बनाने के लिए उसे व्यावसायिक और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकी विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • कार्यक्रम का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और आईआईटी-मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा किया गया था।
  • भारत सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत भारत में भविष्य के लिए माइक्रो-प्रोसेसर बनाने के समग्र उद्देश्य से डिजिटल इंडिया ‘आरआईएससी-V माइक्रोप्रोसेसर कार्यक्रम’ शुरू किया गया है।
  • DIR-V (डिजिटल इंडिया RISC-V) माइक्रोप्रोसेसर पूरी तरह भारतीय ISA (इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर) है और सरकार अत्याधुनिक प्रतिस्पर्धी सिस्टम विकसित करने में उद्योग का समर्थन करने के लिए तैयार है।
  • आरआईएससी का मतलब 'रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर' है और 'V' का मतलब पांचवीं पीढ़ी है। 
  • ‘आरआईएससी-V परियोजना’ 2010 में शुरू हुई थी और इसका लक्ष्य एक नए स्तर का मुफ्त एक्स्टेंसिबल सॉफ्टवेयर (सॉफ्टवेयर जो नई कार्यक्षमता और क्षमता बढ़ाने की अनुमति देता है) और आर्किटेक्चर पर हार्डवेयर स्वतंत्रता प्रदान करना है।

उपभोक्ता से नवप्रवर्तक की यात्रा- 

  • एक दशक पहले भारत एक बड़ा बाजार था, जो इस देश के बाहर नवप्रवर्तित प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का आयात करता था और सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और उच्च प्रदर्शन प्रणालियों के इस मुख्य तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के किनारे पर था।
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में एक दृष्टिकोण रखा गया कि भारत को प्रौद्योगिकियों के उपभोक्ता से एक नवप्रवर्तक और स्टार्ट-अप देश के रूप में उभरना है और आज हम अन्य देशों की तरह प्लेटफॉर्म डिजाइन कर रहे हैं। 
  • श्री चंद्रशेखर के अनुसार, अगले आने वाले वर्ष "प्रदर्शन, प्रदर्शन और प्रदर्शन" के बारे में होंगे और यह भारतीय निर्देश सेट आर्किटेक्चर (आईएसए) के आधार पर अन्य तुलनीय प्रणालियों से बेहतर प्रदर्शन करने की हमारे सिस्टम की क्षमता" (वैश्विक स्तर पर) पर भी आधारित होगा। 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न- ‘आरआईएससी-V परियोजना’ कब प्रारंभ की गई थी?

(a) 2005 में

(b) 2010 में

(c) 2015 में 

(d) 2021 में

उत्तर- (b)

 मुख्य परीक्षा के प्रश्न - ‘डिजिटल इंडिया आरआईएससी-V(RISC-V)’ कार्यक्रम के बारे में बताएं। क्या इसने आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप भारत को उपभोक्ता से विनिर्माणकर्ता बनाने में योगदान दिया?

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