New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

 डिजिटल ऋण 

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए –डिजिटल ऋण, एकीकृत बैंकिंग लोकपाल योजना, फिनटेक)
(मुख्य परीक्षा के लिए: सामान्य अध्यन पेपर 3 –अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी :विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

सन्दर्भ

  • हाल ही में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल ऋण से सम्बंधित उच्च ब्याज दर, अनैतिक वसूली प्रथाओं और डाटा गोपनीयता जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त की है।
  • साथ ही फिनटेक (वित्तीय तकनीकी) कंपनियों को सुशासन, विनियामक आचरण और जोखिम न्यूनीकरण पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी है ताकि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

डिजिटल ऋण 

  • डिजिटल ऋण वेब प्लेटफार्म पर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से दिया जाने वाला ऋण है। 
  •  इस प्रकार का ऋण लेने के लिए व्यक्ति को भौतिक रूप से कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से ही व्यक्ति का सत्यापन किया जाता है और सत्यापन के बाद ऋण प्रदान कर दिया जाता है। 
  • भारत में डिजिटल ऋण कारोबार वित्तीय वर्ष 2015 में 33 बिलियन डॉलर का था, जो 2020 में बढ़कर 150 बिलियन डॉलर का हो गया है। 
  • जिसके 2023 तक 350 बिलियन डॉलर के होने की उम्मीद है।

डिजिटल ऋण के लाभ 

  • इसमें ऋण देने की प्रक्रिया बहुत ही आसान होती है जिसमें ऋण आसानी से कम समय में उपलब्ध हो जाता है।
  • इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है। 
  • डिजिटल ऋण में ऋण लेने के बदले भूमि, भवन या कोई अन्य वस्तु गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है। 
  • इससे अनौपचारिक रूप से ऋण देने वाले लोगों की भूमिका में कमी आई है, जिससे ग्राहकों का उच्च ब्याज दरों के शोषण से बचाव होता है।

डिजिटल ऋण की चुनौतियां

  • इसमें ब्याज दर बैंक ब्याज दर से अपेक्षाकृत अधिक होती है तथा ये कई प्रकार के छुपे हुए शुल्क भी लेते है। 
  • ये ऋण वापसी के लिए अनैतिक और कठोर तरीके अपनाते है। 
  • बहुत सी डिजिटल ऋण देने वाली कंपनियों की कार्यप्रणाली डाटा गोपनीयता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर संदेह उत्पन्न करती है।

डिजिटल ऋण प्लेटफ़ॉर्म

  • भारत में डिजिटल ऋण प्रदान करने वाली 3 प्रकार की संस्थायें है-
  1. जो आरबीआई के विनियमों के अधीन है।
  2. जो आरबीआई के अलावा किसी अन्य संवैधानिक या वैधानिक संस्था के विनियमों के अधीन है। 
  3. जो किसी भी विनियामक संस्था के अधीन नहीं है।

डिजिटल ऋण से सम्बंधित आरबीआई के विनियम 

  • उधार देने का कारोबार केवल उन संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है, जिन्हें या तो रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है या किसी अन्य कानून के तहत उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गयी है। 
  • ऋण संविदा का निष्पादन करने से पहले उधारकर्ता को सभी तथ्यों को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिये ।
  • डिजिटल लेंडिंग ऐप्स को पैसे ग्राहकों के बैंक खाते में जमा करने होंगे, पैसे जमा करने के लिए किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। 
  • डिजिटल ऋण सेवा प्रदाता को उस बैंक या नॉन बैंक वित्तीय कंपनी का नाम ग्राहक को बताना आवश्यक है जिससे वो संबंधित हैं। 
  • किसी भी डिजिटल लेंडिंग एप्लीकेशन के एनुअल परसेंटेज रेट [APR] में सभी प्रकार के शुल्क शामिल होने चाहिये तथा इसके अलावा कंपनी किसी और नाम पर कोई शुल्क नहीं ले सकती है। 
  • उधारकर्ता की स्पष्ट सहमति के बिना ऋण सीमा में किसी भी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की जा सकेगी। 
  • ऋण लेनदेन प्रक्रिया में ऋण सेवा प्रदाता को देय शुल्क का भुगतान ऋण देने वाली संस्थाओं को करना चाहिये ना कि ऋण लेने वालों को। 
  • ऋण संविदा के एक हिस्से के रूप में एक कूलिंग ऑफ़ पीरियड की व्यवस्था की जानी चाहिये, जिसके दौरान उधारकर्ता बिना किसी दंड के मूलधन और आनुपातिक एनुअल परसेंटेज रेट का भुगतान करके डिजिटल ऋण से बाहर निकल सकते है। 
  • डिजिटल ऋण प्रदाता केवल आवश्यक डाटा को ही एकत्रित करेंगे तथा ग्राहक डाटा साझा करने के लिए दी गयी पूर्वानुमति को वापस भी ले सकता है। 
  • ग्राहकों की शिकायत की सुनवाई के लिए डिजिटल ऋण प्लेटफॉर्म्स को शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। 
  • अगर किसी उधारकर्ता द्वारा दर्ज की गयी शिकायत का निवारण शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा 30  दिनों के अन्दर नहीं किया जाता है। तो उधारकर्ता आरबीआई की एकीकृत बैंकिंग लोकपाल योजना के अंतर्गत अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

आगे की राह

  • डिजिटल ऋण के बारे में लोगो में पर्याप्त जागरूकता का अभाव है, लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा प्रयास किये जाने की जरुरत है ।
  • डिजिटल ऋण से संबंधित डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को सख्त नियम बनाने की आवश्यकता है, ताकि इससे जुड़े सभी संदेहों का समाधान हो सके। 
  • डिजिटल ऋण देने वाली कंपनियों द्वारा लिए जाने वाले ब्याज एवं शुल्को की एक सीमा निर्धारित की जानी चाहिये ताकि ग्राहक मनमाने तरीके से लिए जाने वाले ब्याज एवं शुल्को से सुरक्षित रह सकें।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X