New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

डार्क मैटर की ख़ोज

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष)

संदर्भ

अमेरिका के साउथ डकोटा में स्थित LUX-ZEPLIN (LZ) नामक एक डार्क मैटर डिटेक्टर का प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान में यह विश्व का सबसे संवेदनशील डार्क मैटर डिटेक्टर है।

डार्क मैटर

  • अनेक भौतिकविदों का मानना है कि ब्रह्मांड का संपूर्ण दृश्य भाग इसमें मौजूद सभी पदार्थों में से केवल 5% से बना है और शेष भाग डार्क मैटर एवं डार्क एनर्जी से निर्मित है।
  • ब्रह्मांड में सभी अंतःक्रियाएं ‘कणों’ (Particles) पर कार्य करने वाली चार मूलभूत शक्तियों- मजबूत परमाणु बल, कमजोर परमाणु बल, विद्युत चुंबकीय बल और गुरुत्वाकर्षण बल के परिणाम हैं।
  • डार्क मैटर उन कणों से बना होता है जिन पर कोई आवेश नहीं होता है अर्थात वे विद्युत चुंबकीय अंत:क्रिया के माध्यम से अभिक्रिया नहीं करते हैं।
  • ये कण प्रकाश का उत्सर्जन नहीं करते हैं किंतु अन्य पदार्थ की तरह उनका भी द्रव्यमान होता है, इसलिये इन्हें ‘डार्क मैटर’ कहते हैं।

डार्क मैटर की उपस्थिति की संभावना 

  • डार्क मैटर की उपस्थिति की संभावना के लिये अप्रत्यक्ष रूप से ठोस प्रमाण उपलब्ध हैं। यह प्रमाण विभिन्न स्तरों पर (जैसे- आकाशगंगा के घूर्णन से) परिलक्षित भी होता है।
  • आकाशगंगा के केंद्र से उसकी परिधि तक तारों के वेग के मान तथा परिकलित मान के मध्य एक उल्लेखनीय अंतर दिखाई पड़ता है।
  • यदि यह माना जाए कि डार्क मैटर पदार्थ का कोई एक निश्चित कण है जो आकाशगंगा के शेष तारों पर गुरुत्वाकर्षण बल लगाता है तो इस कण के साथ तारों के वेग की गणना करने पर यह परिकलित मान के बराबर आता है। इसका अर्थ है कि आकाशगंगा में एक निश्चित मात्रा में डार्क मैटर मौजूद है।

अन्य तथ्य

  • ब्रह्मांड का अध्ययन इलेक्ट्रॉनों और नाभिक या परमाणुओं या आकाशगंगाओं या आकाशगंगा समूहों या पूरे ब्रह्मांड का मानचित्रण एवं अध्ययन करके किया जा सकता है। 
  • ब्रह्मांड विज्ञानी सामान्यत: अंतिम उल्लेखित तीन पैमानों जबकि कण भौतिक विज्ञानी इलेक्ट्रॉनों या उससे भी छोटे पैमानों पर ब्रह्मांड का अध्ययन करते हैं।
  • डार्क मैटर से संबंधित अन्य प्रमाण बुलेट क्लस्टर के अवलोकन पर आधारित है। बुलेट क्लस्टर दो आकाशगंगा समूहों के विलय से बनता है। 
  • हालाँकि, भौतिकविदों की गणना के अनुसार यदि यह माना जाए कि दृश्य ब्रह्मांड ही अस्तित्व में था तो दो आकाशगंगा समूहों के विलय की परिघटना को पूरी तरह प्रमाणित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यह डार्क मैटर की उपस्थिति का संकेत देता है।
  • इसी तरह के तर्क स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे और ब्रह्मांड के फिलामेंटस प्रकृति के अध्ययन में ब्रह्मांड मानचित्रण में भी दिखाई पड़ता है जो डार्कमैटर की उपस्थिति को बताता है।

डार्क मैटर कण का विकल्प

भौतिक विज्ञानियों के अनुसार, डार्क मैटर कण की अवधारणा को समझने के लिये न्यूट्रिनो सबसे उपयुक्त विकल्प होता यदि इसका आकार विशाल होता। बहुत कम द्रव्यमान के कारण यह डार्क मैटर कण का व्यवहार्य विकल्प नहीं है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR