चर्चा में क्यों ?
9 सितम्बर 2025 को डॉ. गीता वाणी रायसम ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के अधीनस्थ राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (NIScPR) के निदेशक पद का कार्यभार संभाला।

परिवर्तनकारी दृष्टि
- डॉ. रायसम ने कहा कि आज का युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और वैश्विक परिवर्तनशीलता का है। ऐसे में भारत की STI प्रणाली को शीघ्रता से अनुकूल और उत्तरदायी होना होगा।
- NIScPR को लचीली और भविष्य–उन्मुख नीतियों के माध्यम से विकसित करना।
- भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल साउथ के लिए भी इसे विज्ञान नीति विचार–नेता के रूप में स्थापित करना।
मुख्य प्राथमिकताएँ
- पारंपरिक विज्ञान नीति मॉडलों से आगे बढ़ना।
- विज्ञान संचार को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जोड़ना।
- डिजिटल उपकरणों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सिटिजन साइंस का उपयोग बढ़ाना।
- भारतीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं और विज्ञान–कला सहयोग को प्रोत्साहित करना।
- जन–संपर्क को सशक्त बनाना और विज्ञान के प्रति विश्वास स्थापित करना।
कनेक्टिंग द अनकनेक्टेड” : ग्लोबल साउथ दृष्टिकोण
- डॉ. रायसम ने ज़ोर दिया कि NIScPR को विशेष रूप से वंचित और विकासशील देशों के वैज्ञानिक समुदाय तक पहुँचना चाहिए।
- विज्ञान संचार को केवल अकादमिक दायरे तक सीमित न रखकर इसे समाज की दैनिक जीवन कथाओं में भी उतारना आवश्यक है।
उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका
- AI, मशीन लर्निंग और डिजिटल मीडिया विज्ञान संचार के स्वरूप को बदल रहे हैं।
- वैज्ञानिकों को जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार अपनाना होगा।
- विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों के माध्यम से जनता से जुड़कर विज्ञान और समाज के बीच की खाई को पाटना होगा।
CSIR-NIScPR :
- CSIR–राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान भारत में विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान का प्रमुख केंद्र है।
- इसके प्रमुख कार्य हैं :
- भारतीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं का प्रकाशन।
- विज्ञान–प्रौद्योगिकी–नवाचार (STI) नीति अनुसंधान।
- विज्ञान साक्षरता और जन–संपर्क को बढ़ावा देना।
प्रश्न. डॉ. गीता वाणी रायसम ने किस संस्थान के निदेशक पद का कार्यभार 9 सितम्बर 2025 को संभाला ?
(a) NITI आयोग
(b) ISRO
(c) NIScPR
(d) CSIR–NEERI
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