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अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप त्रासदी

(प्रारंभिक परीक्षा : प्रश्नपत्र-1 :  भारत एवं विश्व का भूगोल)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।)

संदर्भ

हाल ही में, अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 5.9 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए और कई घायल हो गए। यू.एस. फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी के अनुसार, 5.9 रिक्टर पैमाने पर आया यह भूकंप हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की ऊर्जा के लगभग 37 गुना के बराबर है।

भूकंप का कारण

  • प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की पर्पटी और ऊपरी मेंटल का निर्माण कठोर प्लेटों से होता है जो एक दूसरे के सापेक्ष गति करती हैं। विदित है कि प्लेट की सीमाओं के एक दूसरे से टकराने के कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं।
  • पृथ्वी के भीतर का वह बिंदु जहाँ से भूकंप का प्रारंभ होता है, उसे ‘भूकंप मूल या फोकस या हाइपोसेंटर’ कहते हैं। जबकि पृथ्वी की सतह पर इसके ठीक ऊपर का बिंदु ‘अधिकेंद्र’ (Epicentre) कहलाता है।

रिक्टर स्केल से भूकंप का मापन

  • यह भूकंप के परिमाण का एक माप है, जिसे पहली बार वर्ष 1935 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अमेरीका के चार्ल्स एफ. रिक्टर द्वारा परिभाषित किया गया था।
  • भूकंप का परिमाण सीस्मोग्राफ द्वारा मापी गई तरंगों के आयाम का लघुगणक है। रिक्टर पैमाने के परिमाण को पूर्ण संख्या और दशमलव भाग के रूप में व्यक्त किया जाता है, उदाहरण के लिये 6.3।
  • चूंकि यह एक लघुगणकीय पैमाना (Logarithmic Scale) है, इसलिये पूर्ण संख्या में एक इकाई की वृद्धि तरंग के आयाम में दस गुना और जारी ऊर्जा में 31 गुना की वृद्धि को दर्शाता है। 

भूकंप क्षेत्र का निर्धारण

अनुभव किये गए भूकंपों की तीव्रता तथा किसी क्षेत्र के भूवैज्ञानिक एवं विवर्तनिक गुणों के आधार पर देशों को कई भूकंपीय क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है। उदाहरण के लिये, भारत में चार जोन हैं, जिन्हें जोन II से जोन V तक नामित किया गया है। इनमें से जोन V सबसे खतरनाक और जोन II सबसे कम खतरनाक है।

भूकंप के प्रकार

पृथ्वी पर नुकसान और भूकंप की शक्ति के आधार पर इसे दो भागो में बांटा जा सकता है-

उथले भूकंप (Shallow Quakes)

उथले भूकंप सामान्यतः गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक हानिकारक होते हैं। इन भूकंपों में आने वाली भूकंपीय तरंगों को कम दूरी तय करनी होती है, जो सतह पर तरंगों की उत्पत्ति के कारण अधिक त्रासदी का कारण बनती है।

गहरे भूकंप (Deep quakes)

गहरे भूकंप कम हानिकारक होते हैं, क्योंकि इन भूकंपों से आने वाली भूकंपीय तरंगों को सतह तक आने में लंबा समय तय करना होता है, जिससे मार्ग में इनकी ऊर्जा का नुकसान हो जाता है।

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