| (प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में वेदांता ग्रुप ने ओडिशा में ₹1 लाख करोड़ के नए निवेश की घोषणा की है। इस निवेश से राज्य में एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे और ओडिशा को वैश्विक धातु एवं विनिर्माण केंद्र के रूप में सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
वेदांता निवेश योजना के बारे में
- वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से भुवनेश्वर में मुलाकात के दौरान निवेश प्रस्ताव रखा।
- इस प्रस्ताव के अंतर्गत एक नया एल्युमिनियम स्मेल्टर, दो एल्युमिनियम पार्क और एक फेरो-एलॉय संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
- इस निवेश से पूर्व भी वेदांता ओडिशा में लगभग ₹1 लाख करोड़ का निवेश कर चुकी है।
मुख्य बिंदु
- निवेश राशि: ₹1 लाख करोड़ का अतिरिक्त निवेश।
- रोजगार सृजन: लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर।
- मुख्य परियोजनाएँ
- धेंकानाल: 3 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता वाला एल्युमिनियम स्मेल्टर।
- क्योंझर: ₹2,000 करोड़ की लागत वाला फेरो-एलॉय प्लांट।
- झारसुगुड़ा और एक अन्य स्थान: दो एल्युमिनियम पार्क स्थापित किए जाएंगे।
- उद्योग क्षेत्र: एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, और रक्षा क्षेत्र हेतु उच्च गुणवत्ता वाले एल्युमिनियम मिश्रधातु का उत्पादन।
- सरकारी समर्थन: राज्य सरकार भूमि, अधोसंरचना और आवश्यक मंज़ूरियों में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
निवेश के लाभ
- रोजगार वृद्धि: स्थानीय युवाओं के लिए व्यापक रोजगार अवसर।
- औद्योगिक प्रगति: ओडिशा को वैश्विक धातु उद्योग में अग्रणी बनाने की दिशा में बड़ा कदम।
- MSME को प्रोत्साहन: छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को एल्युमिनियम आधारित निर्माण में बढ़ावा मिलेगा।
- तकनीकी विकास: एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन और रक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में नई तकनीकों का विकास।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल: राज्य के खनिज संसाधनों का प्रभावी उपयोग और राजस्व में वृद्धि।
ओडिशा : 500 बिलियन डॉलर विज़न
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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि इस प्रकार के निवेश से ओडिशा वर्ष 2036 तक $500 बिलियन अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर होगा।
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यह राज्य के युवाओं को सशक्त करेगा और औद्योगिक आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम होगा।
ओडिशा के प्रमुख लौह और एल्युमिनियम संयंत्र

- NALCO (National Aluminium Company) : अंगुल और दमनजोड़ी
- Hindalco Industries : हिर्मी और रेनुकूट परियोजना
- Vedanta Aluminium : झारसुगुड़ा
- Tata Steel : कलिंगनगर और जामशेदपुर (निकटवर्ती क्षेत्र)
- JSPL (Jindal Steel and Power Limited) : अंगुल और बरबिल