New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

भारत-भूटान सीमा प्रबंधन और सुरक्षा: द्विपक्षीय समीक्षा

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2: भारत एवं इसके पड़ोसी देशों के मध्य संबंध)

संदर्भ

भारत और भूटान ने थिंपू में 16-17 अक्टूबर 2025 को आयोजित द्विपक्षीय बैठक में सीमा प्रबंधन और सुरक्षा सहयोग की समीक्षा की।

भारत-भूटान सीमा समीक्षा बैठक के बारे में

  • यह बैठक थिंपू, भूटान में आयोजित की गई। 
  • भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सशस्त्र सीमा बल, लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, दूरसंचार विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सर्वे ऑफ इंडिया, कस्टम्स और असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश के प्रतिनिधि शामिल थे।
  • MHA के अनुसार, दोनों देशों की स्थायी साझेदारी साझा भूगोल, संस्कृति और जन-से-जन संबंधों पर आधारित है, जो क्षेत्रीय सहयोग का मॉडल बनी हुई है।

मुख्य बिंदु

  • सीमा प्रबंधन मुद्दे: मोबाइल सिग्नल स्पिलओवर, सीमा स्तंभों का रखरखाव, सीमा-पार आवागमन और एकीकृत चेक पोस्ट्स की भविष्य की योजना पर चर्चा।
  • सुरक्षा सहयोग: द्विपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की समीक्षा, जिसमें आतंकवाद, नशीली दवाओं की तस्करी और अन्य सीमा-पार अपराधों से निपटना शामिल।
  • क्षमता निर्माण: भूटान पुलिस के लिए प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रम।
  • सहयोग का विस्तार: पारंपरिक क्षेत्रों (जैसे जलविद्युत) के अलावा उभरते क्षेत्रों (जैसे डिजिटल कनेक्टिविटी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) में गहराई।
  • संकल्प: सुरक्षित और समृद्ध सीमा क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयास, जिसमें जन-से-जन संपर्क मजबूत करना शामिल।

भारत-भूटान द्विपक्षीय संबंध : एक अवलोकन

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 

  • भारत-भूटान संबंध सदियों पुराने हैं, जो ब्रिटिश काल से विकसित हुए। वर्ष 1770 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कूच बिहार पर कब्जा किया, जिसके बाद वर्ष 1774 में शांति संधि हुई, जिसमें भूटान की तत्कालीन सीमाओं को मान्यता दी गई। 
  • भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1949 में मैत्री संधि पर हस्ताक्षर हुए, जो द्विपक्षीय संबंधों का आधार बनी। 
  • इस संधि को वर्ष 2007 में संशोधित किया गया, जिसमें भूटान की संप्रभुता को मजबूत किया गया।
  • सीमा निर्धारण की प्रक्रिया वर्ष 1973 से 1984 तक चली, जिसमें अधिकांश विवाद सुलझे, हालांकि अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और सरभंग-गेयलेगफुग क्षेत्र में छोटे विवाद बाकी हैं। 
  • वर्ष 1972 में व्यापार, वाणिज्य और पारगमन समझौता हुआ, जिसे वर्ष 2016 में संशोधित किया गया। 
  • भारत ने 1960 के दशक से भूटान के विकास के लिए सहायता प्रदान की, जिसमें 'प्रोजेक्ट दंतक' के तहत सड़कें बनाना शामिल है। 
  • वर्ष 2017 के डोकलाम विवाद ने सुरक्षा सहयोग को मजबूत किया। 
  • वर्ष 2019 के बाद यह पहली समीक्षा बैठक हैं, जो दर्शाती हैं कि सीमा प्रबंधन दोनों देशों की प्राथमिकता बना हुआ है।

भूटान की भारत के राज्यों के साथ सीमा

भारत और भूटान के बीच 699 किमी. लंबी खुली सीमा है, जो चार भारतीय राज्यों से लगती है। यह सीमा भूटान का एकमात्र स्थलीय प्रवेश द्वार है, जबकि चीन के साथ सीमा बंद है।

राज्य

सीमा लंबाई (किमी.)

  1. असम

267

  1. अरुणाचल प्रदेश

217

  1. पश्चिम बंगाल

183

  1. सिक्किम

32

भारत-भूटान संयुक्त सहयोग

  • आर्थिक सहयोग: भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है (98% निर्यात और 90% आयात)। 13वीं पंचवर्षीय योजना (2024-29) के लिए भारत ने 4,500 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी।
  • जलविद्युत और ऊर्जा: 10,000 मेगावाट क्षमता के संयुक्त प्रोजेक्ट; भारत भूटान को बिजली खरीदता है। 2006 के समझौते से शासित, जिसमें 2,136 मेगावाट परियोजनाएं शामिल।
  • सुरक्षा सहयोग: भारतीय सैन्य प्रशिक्षण टीम (IMTRAT) भूटानी सेना को प्रशिक्षित करती है।
  • बुनियादी ढांचा और विकास: प्रोजेक्ट दंतक के तहत 1,600 किमी सड़कें; रेल लिंक (कोकराझाड़-गेलेफू, बनारहाट-साम्तसे) पर MoU।
  • नए क्षेत्र: अंतरिक्ष (ISRO-ISRO संयुक्त सैटेलाइट), स्टार्टअप, डिजिटल कनेक्टिविटी, पर्यावरण संरक्षण और STEM शिक्षा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR