New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

क्लाउड सीडिंग : वायु प्रदूषण समस्या का समाधान

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3: पर्यावरण प्रदूषण; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।)

संदर्भ

दिल्ली और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण हर साल सर्दियों के मौसम में खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है। इसी संकट से निपटने के लिए हाल ही में “क्लाउड सीडिंग” को एक संभावित समाधान के रूप में पेश किया गया है। परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से यह उपाय न तो स्थायी है और न ही व्यावहारिक।

क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) से तात्पर्य

  • क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसके तहत वायुमंडल में कृत्रिम रूप से वर्षा कराने के प्रयास किए जाते हैं।
  • इसमें सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड या अन्य रसायन हवा में छोड़े जाते हैं ताकि वे बादलों में जलवाष्प को संघनित कर वर्षा उत्पन्न करें।
  • इसका उद्देश्य सूखे क्षेत्रों में वर्षा बढ़ाना, जल संकट कम करना या प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा कराना होता है।
  • हालांकि यह तकनीक तभी प्रभावी हो सकती है जब वातावरण में पर्याप्त बादल और नमी मौजूद हों।

दिल्ली की वायु प्रदूषण समस्या

  • दिल्ली की वायु गुणवत्ता वर्षभर खराब रहती है, लेकिन सर्दियों में यह अत्यंत खतरनाक स्तर तक पहुँच जाती है।
  • मॉनसून के बाद जब उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएँ चलती हैं, तो प्रदूषक तत्व जमीन के पास फंस जाते हैं।
  • ठंडी हवाएँ और कमजोर वायु प्रवाह प्रदूषण को फैलने नहीं देते, जिससे हवा स्थिर और भारी हो जाती है।
  • इस दौरान हवा में नमी कम होती है और बादल नहीं बनते, जिसके कारण कृत्रिम वर्षा कराना भी कठिन हो जाता है।

मुख्य कारण

  • वाहनों से उत्सर्जन
  • औद्योगिक इकाइयों और थर्मल पॉवर प्लांटस से धुआँ
  • निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल
  • कूड़ा और बायोमेडिकल अपशिष्ट का खुले में जलना
  • पंजाब और हरियाणा में फसलों के अवशेषों को जलाना (Stubble Burning)
  • शीत ऋतु की प्रतिकूल वायुमंडलीय स्थितियाँ

क्लाउड सीडिंग का अनुप्रयोग

  • दिल्ली सरकार ने हाल ही में क्लाउड सीडिंग की योजना को प्रदूषण से राहत के लिए विचाराधीन किया है।
  • विचार यह है कि कृत्रिम वर्षा से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व नीचे धुल जाएँगे और AQI (Air Quality Index) में सुधार होगा।
  • परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से इसका असर बहुत ही अल्पकालिक होता है; अधिकतम एक-दो दिन तक।
  • इसके लिए बादलों की उपस्थिति और उचित वायुमंडलीय परिस्थितियाँ आवश्यक हैं, जो सर्दियों में अक्सर नहीं होतीं।

चुनौतियाँ

  • वैज्ञानिक सीमाएँ: क्लाउड सीडिंग केवल तब संभव है जब पर्याप्त बादल और नमी मौजूद हों।
  • सीमित प्रभाव: प्रदूषण से राहत अस्थायी होती है; एक-दो दिन बाद स्थिति पुनः वैसी ही हो जाती है।
  • पर्यावरणीय जोखिम: लगातार सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों का प्रयोग मिट्टी और जलस्रोतों को प्रदूषित कर सकता है।
  • उत्तरदायित्व का अभाव: यदि क्लाउड सीडिंग के बाद भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बन जाए तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
  • संसाधनों की बर्बादी: यह महंगी तकनीक है, जो अस्थायी परिणामों के लिए सार्वजनिक धन की बर्बादी बन सकती है।

अन्य विकल्प

  • वाहन उत्सर्जन नियंत्रण: सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन।
  • कृषि सुधार: पराली प्रबंधन हेतु वैकल्पिक तकनीक का उपयोग।
  • औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण: औद्योगिक इकाइयों में उत्सर्जन मानक सख्त करना।
  • कचरा प्रबंधन: खुले में कचरा जलाने पर रोक और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को मजबूत बनाना।
  • हरी पट्टी और शहरी नियोजन: हरित क्षेत्र बढ़ाना और निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण।
  • सतत ऊर्जा: कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की जगह स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग।

आगे की राह

  • क्लाउड सीडिंग जैसी ग्लैमरस तकनीकों पर निर्भर रहने के बजाय दीर्घकालिक और वैज्ञानिक समाधान आवश्यक हैं।
  • सरकार को ठोस उत्सर्जन नियंत्रण नीति, सतत शहरी नियोजन और जनजागरूकता पर ध्यान देना चाहिए।
  • प्रदूषण से लड़ाई एक तकनीकी प्रयोग नहीं बल्कि सतत नीति और सामाजिक सहयोग की प्रक्रिया है।
  • असली समाधान है “स्रोत पर नियंत्रण”, न कि अस्थायी उपायों से “लक्षणों का उपचार”

निष्कर्ष

दिल्ली की वायु संकट समस्या का समाधान क्लाउड सीडिंग जैसे प्रयोगों में नहीं, बल्कि मजबूत नीतिगत संकल्प, तकनीकी सुधार और नागरिक जिम्मेदारी में निहित है। केवल दीर्घकालिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही दिल्ली को स्वच्छ हवा दी जा सकती है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X