New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

पूर्वी हूलॉक गिब्बन

पर्यावरण मंत्रालय द्वारा असम के कुछ हिस्सों में तेल और गैस की खोज के लिए मंजूरी देने से हूलॉक गिब्बन (Hoolock Gibbon) पर और अधिक खतरा मंडरा सकता है।

पूर्वी हूलॉक गिब्बन (Eastern Hoolock Gibbon) के बारे में 

  • यह सभी वानरों में सबसे छोटा और सबसे तेज़ वानर है।
  • ये बहुत मिलनसार होते हैं। ये आक्रामक नहीं होते और इसलिए मनुष्यों के साथ उनका कोई संघर्ष नहीं होता। 
  • गिब्बन अन्य प्रजातियों के लिए एक संकेतक माने जाते हैं, इसलिए हूलॉक गिब्बन एक प्रमुख प्रजाति (Key Species) है।
  • वैज्ञानिक नाम : हूलॉक ल्यूकोनेडिस (Hoolock leuconedys) 
  • संरक्षण स्थिति 
    • IUCN : संवेदनशील (Vulnerable)
    • CITES : परिशिष्ट I
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची I
  • खतरे : तेल और गैस खनन, लकड़ी काटना, अतिक्रमण, अन्य विकास परियोजनाएं, कृषि एवं आवास संबंधित भूमि अधिग्रहण के लिए वनों का कटान।
  • प्रसार क्षेत्र : पूर्वी बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा) और उत्तर-पश्चिमी म्यांमार और चीन (दक्षिण-पूर्वी तिब्बत)।
  • असम सरकार ने 1997 में असम के जोरहाट जिले में हूलोंगापार रिजर्व फॉरेस्ट का दर्जा बढ़ाकर गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य कर दिया जिससे यह प्राइमेट प्रजाति के नाम पर पहला संरक्षित क्षेत्र बन गया।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X