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लैंटाना कैमरा पौधों से बनी हाथियों की कलाकृतियां

प्रारम्भिक परीक्षा – लैंटाना कैमरा पौधों से बनी हाथियों की कलाकृतियां
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1और 3

चर्चा में क्यों 

  • बेगलुरु में कर्नाटक विधानसभा के सामने आम लोगों के लिए लैंटाना कैमरा के पौधे से तैयार की गई हाथियों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।

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लैंटाना कैमरा पौधा:-

  • यह एक कांटेदार रेंगने वाली एवं लकड़ी वाली स्कैंडेंट झाड़ीदार पौधा है। इसकी ऊंचाई 2-3 मीटर या 6 फीट तक होती है। इसके तने और शाखाएँ कोणीय होती हैं, जिनमें घुमावदार कांटे लगे होते हैं। 
  • इसकी पत्तियाँ सरल, खुरदरी, अंडाकार, नुकीली एवं दांतेदार होती हैं। 
  • इसकी पत्तियाँ लैंटाडेंस नामक हेपेटोटाक्सिक पेंटासाइक्लिक के कारण जहरीली होती हैं। 
  • इसकी पत्तियाँ रोगाणुरोधी होने की वजह से इनका दवाओं में भी उपयोग किया जाता है।
  • इसके फूल बड़ी छतरी वाले अर्धगोलाकार के 2 से 6 सेमी व्यास के सफेद,पीला-नीला, गुलाबी या नारंगी एवं लाल रंग के होते हैं, जो कई छोटे ट्यूबलर फूलों से मिलकर बने होते हैं। 
  • फल छोटे ड्रूप मांसल, लगभग 3 मिमी व्यास वाले, नीले एवं काले या बैंगनी रंग के काले जामुन की तरह होते हैं।

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अवस्थिति:-

  • यह एक आक्रमक उष्णकटिबंधीय अमेरिका का मूल निवासी झाड़ीदार पौधा है।
  • यह पौधा अपनी आक्रामकता के कारण  वनस्पतियों और जीवों को नष्ट कर सकता है।
  • इसे वर्ष 1800 के दशक की शुरुआत में एक सजावटी पौधे के रूप में भारत लाया गया लेकिन यह बगीचों से निकल कर पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर कब्जा कर लिया।  
  • यह भारत के बाघ निवास वाले क्षेत्र के 40 प्रतिशत क्षेत्र से अधिक हिस्से पर फ़ैल गया है। भारत में इससे शिवालिक पहाड़ियाँ, मध्य भारत और दक्षिणी-पश्चिमी घाट सबसे अधिक प्रभावित है।

विशेषता:-

  • यह पौधा किसी भी जलवायु के अनुरूप अपने आप को ढाल सकता है अर्थात यह अत्यधिक  उच्च तापमान और नमी को सहन कर सकता है। 
  • यह प्रजाति भारत के लगभग 3,00,000 वर्ग किमी जंगलों तथा जैव विविधता के लिए ख़तरा है।
  • यह प्रजाति लकड़ी की बेल के रूप में छतरी पर चढ़ने में सक्षम है तथा घनी झाड़ियों का निर्माण करके अन्य पौधों को पनपने नहीं देती है।
  • यह विश्व की 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक है जो भारत के लिए एक  चिंता का विषय बनी हुई है। 

हानि 

  • यह पौधा मिट्टी में पोषक तत्व चक्र को परिवर्तित कर देता है जिससे वहां पर अन्य कोई देशी पौधा नहीं पनप पाता है। 
  • इस पौधे के आक्रमण के परिणामस्वरूप जंगली शाकाहारी जानवरों के लिए देशी चारा पौधों की कमी हो गई है ।
  • इस पौधे की पत्तियों को खाने से जानवरों के थूथन पर एलर्जी, दस्त, जिगर की विफलता और यहां तक ​​कि जानवर की मृत्यु भी हो सकती है ।
  • यह सड़कों के किनारे, परती भूखंडों, कृषि क्षेत्रों और जंगलों पर आक्रमण करता है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में बेगलुरु में कर्नाटक विधानसभा के सामने आम लोगों के लिए किस झाड़ीदार पौधे से तैयार की गई हाथियों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है?

(a)  लैवेंडर

(b)  बर्बेरिस

(c)  फोर्सिथिया

(d)  लैंटाना कैमरा 

उत्तर: (d)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- लैंटाना कैमरा पौधे का भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या कीजिए।

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