New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र: 3, सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।)

संदर्भ

ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन करने के उद्देश्य से हाल ही में लोकसभा से ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया गया। इसमें ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिये उपकरणों, घरेलू उपयोग के उपकरणों, भवनों तथा उद्योगों द्वारा उपभोग की जाने वाली ऊर्जा के विनियमन का प्रावधान है।

प्रमुख प्रावधान 

गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की बाध्यता

  • प्रस्तावित विधेयक केंद्र सरकार को ऊर्जा उपभोग के मानकों को निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है।  
  • सरकार किसी निर्दिष्ट उपभोक्ता से ऊर्जा खपत का एक न्यूनतम हिस्सा गैर-जीवाश्म स्रोत से प्राप्त करने की अपेक्षा कर सकती है, जिसके लिये स्रोत और उपभोक्ता श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग सीमाएं निर्दिष्ट की जा सकती हैं।
  • गैर-जीवाश्म स्रोतों से ऊर्जा उपभोग की बाध्यता पूरी न करने की स्थिति में 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

कार्बन ट्रेडिंग

  • यह विधेयक केंद्र सरकार को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है। 
  • केंद्र सरकार या कोई अधिकृत एजेंसी इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत और उसका अनुपालन करने वाली संस्थाओं को कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र जारी कर सकती है। 
  • संस्थाओं के अतिरिक्त कोई अन्य व्यक्ति भी स्वेच्छा से कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र खरीद सकता है।

भवनों के लिये ऊर्जा संरक्षण संहिता

  • यह विधेयक केंद्र सरकार को भवनों के लिये ऊर्जा संरक्षण संहिता निर्दिष्ट करने का अधिकार प्रदान करता है। 
  • नई संहिता ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण, अक्षय ऊर्जा के उपयोग और हरित भवनों की अन्य आवश्यकताओं से संबंधित नियमों का प्रावधान करेगी।
  • ऊर्जा संरक्षण एवं सतत भवन संहिता का प्रावधान करके इसे आवासीय भवनों तक विस्तारित किया गया है।

वाहनों और जलयानों के लिये मानदंड 

  • इस विधेयक के अंतर्गत ऊर्जा उपभोग के मानदंड ऐसे उपकरणों और घरेलू उपयोग के उपकरणों के लिये निर्दिष्ट किये जा सकते हैं जो ऊर्जा उपभोग, उसका उत्पादन, पारेषण या आपूर्ति करते हैं।
  • यह विधेयक वाहनों और जलयानों (जहाज एवं नावों सहित) को शामिल करने के लिये इसके दायरे में वृद्धि करता है। 
  • मानदंडों का पालन न करने की स्थिति जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही, ईंधन खपत के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन निर्माताओं को बेचे गए प्रत्येक वाहन पर 50,000 रुपए तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।

राज्य विद्युत् विनियमन आयोग की शक्तियां

  • यह विधेयक राज्य विद्युत विनियमन आयोगों (State Electricity Regulatory Commissions : SERCs) को दंड पर निर्णय देने की शक्ति देता है। 
  • प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों के तहत एस.ई.आर.सी. अपने कार्यप्रणाली के संबंध में विनियम भी बना सकते हैं।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की शासी परिषद् का संयोजन

  • इस विधेयक में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency : BEE) की शासी परिषद् के पुनर्गठन का प्रावधान है।
  • इस परिषद् के सदस्यों की संख्या को 20 से 26 के स्थान पर 31 से 37 के मध्य निर्धारित करने का प्रावधान है। 

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो 

  • भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत 1 मार्च, 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना की है। 
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढांचे के भीतर भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ स्व-विनियमन एवं बाजार सिद्धांतों पर बल देने के साथ नीतियों व रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR