प्रारम्भिक परीक्षा –  केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3  | 
 
चर्चा में क्यों 
भारत को ग्लोबल केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब (जीसीपीएमएच) बनाने की घोषणा की गई।

प्रमुख बिंदु 
- ग्लोबल केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब (जीसीपीएमएच) के  तीसरे संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में हुआ ।
 
-  इसका आयोजन रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार तथा फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के द्वारा  किया गया ।
 
- इसका उद्देश्य भारत को एक अग्रणी रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है ।
 
-  रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग द्वारा  2019 से द्विवार्षिक रूप से ग्लोबल केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब (जीसीपीएमएच) शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा  रहा है।
 
- हाल ही में टीडीबी (Technology Development Board) द्वारा  रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में नवीन स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए भारतीय कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किया गया ।
 
प्रस्ताव का दायरा/क्षेत्र
- विशेष रसायन होना चाहिए 
 
- रासायनिक अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था  
 
- हरित रसायन मार्ग का निर्माण  
 
- डाउनस्ट्रीम विनिर्माण
 
- कृषि रसायनों का निर्माण 
 
- तेल एवं गैस में हरित ऊर्जा संक्रमण
 
- पॉलिमर उद्योग 
 
- रसायन एवं  पेट्रोकेमिकल उद्योग में स्थिरता  (sustainability)
 
प्रमुख विशेषताएँ 
- भारतीय कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना 
 
- मूल्यांकन का आधार वैज्ञानिक ,प्रौद्योगिकी, वित्तीय और व्यावसायीकरण आदि 
 
- फंडिंग ऋण, इक्विटी या  अनुदान के रूप में 
 
 पात्रता 
- भारतीय कंपनियां (कंपनी अधिनियम, 1956/2013 के अनुसार) के अनुसार स्थापित हों,
 
- डीपीआईआईटी(DPIIT)  से मान्यता प्राप्त 
 
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (Technology development Board) 
- प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड अधिनियम, 1995 के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है। 
 
-  बोर्ड उद्यमों को प्रौद्योगिकी-उन्मुख उत्पादों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके एक सक्रिय भूमिका निभाता है।
 
-  बोर्ड औद्योगिक चिंताओं को इक्विटी पूंजी या ऋण और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
 
उद्देश्य 
- छोटे उद्यमों द्वारा  नए विचारों को अपनाने से  होने वाले जोखिम से बचाव 
 
- प्रतिस्पर्धी उपभोक्ता उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना
 
- उत्पाद नवाचार के लिए उद्योगों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को प्रेरित करना
 
- सामाजिक रूप से प्रासंगिक और लाभदायक प्रौद्योगिकियों का विकास करना
 
- रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करना और उन पर कार्य करना
 
- भारतीय उद्योग को वैश्विक खिलाड़ी बनने में सक्षम बनाने के लिए मुख्य तकनीकी शक्तियों में निवेश करना 
 
- प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायीकरण के लिए टीडीबी का योगदान  अद्वितीय बनाना 
 
- यह उद्योग, वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेट और विशेषज्ञों के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाता है
 
- उद्यमियों की नई पीढ़ी के निर्माण को सुगम बनाना 
 
-  समान प्रौद्योगिकी वित्तपोषण निकायों(similar technology financing bodies) के साथ साझेदारी में सहायता करना 
 
- रोजगार के नए अवसर पैदा करना 
 
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 प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए  
- प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड अधिनियम, 1995 के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है। 
 
- ग्लोबल केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब का तीसरा  संस्करण  नई दिल्ली में हुआ।
 
 
उपर्युक्त में कितने  कथन सही हैं ? 
(a) केवल कथन 1  
(b) केवल कथन 2  
(c) कथन 1 और 2  
(d) ना ही 1 नहीं 2  
उत्तर (c) 
मुख्य परीक्षा प्रश्न : भारत को ग्लोबल केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए किए जाने वाले प्रमुख  प्रयासों का उल्लेख कीजिए। 
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