New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 1–गरीबी और विकासात्मक विषय)

चर्चा में क्यों 

  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (OPHI) द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2022 के आँकड़े जारी किए गये।

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई)

  • वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 100 से अधिक विकासशील देशों को कवर करने वाला तीव्र बहुआयामी गरीबी का एक अंतरराष्ट्रीय संकेतक है। 
  • यह स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे 10 संकेतकों में तीव्र अभावों को मापता है, जिनका एक गरीब व्यक्ति सामना करता है।
  • एमपीआई व्यक्तिगत स्तर पर गरीबी का आकलन करता है
    • अगर कोई व्यक्ति दस (भारित) संकेतकों में से एक तिहाई या उससे अधिक में वंचित रहता है, तो एमपीआई उन्हें गरीब के रूप में पहचानता है। 
    • उनकी गरीबी की सीमा या तीव्रता को उन अभावों के प्रतिशत के माध्यम से भी मापा जाता है, जिनका वे अनुभव कर रहे हैं।
  • एमपीआई पारंपरिक पद्धतियों, जो केवल आय या मौद्रिक शर्तों से गरीबी का मापन करती है, की तुलना में विभिन्न आयामों से गरीबी को मापता है। 

poverty-index

भारत की स्थिति 

  • भारत में 2005-06 से 2019-21 के बीच लगभग 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुये है।
  • भारत ने सभी 10 एमपीआई संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। 
  • भारत के लिए एमपीआई में सुधार ने दक्षिण एशिया में गरीबी में कमी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और पहली बार दक्षिणी एशिया सबसे अधिक गरीब लोगों वाला क्षेत्र नहीं है।
  • भारत में विश्व में गरीब लोगों की सबसे बड़ी आबादी (22.8 करोड़) निवास करती है।
    • भारत के बाद गरीबों की सबसे ज्यादा संख्या नाइजीरिया (9.6 करोड़) में है।
  • 2019-2021 में भारत में 9.7 करोड़ गरीब बच्चे भी है, जिनकी संख्या वैश्विक एमपीआई द्वारा कवर किए गए किसी भी अन्य देश में, गरीब लोगों, बच्चों और वयस्कों की कुल संख्या से भी अधिक है।
  • भारत का एमपीआई मूल्य 2005-06 में 0.283 से घटकर 2019-21 में 0.069 हो गया है। 
  • भारत में गरीब लोगों का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में 21.2 प्रतिशत है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 5.5 प्रतिशत है। 
  • भारत में कुल 229 मिलियन गरीब लोगों में से 205 मिलियन गरीब लगभग (90 प्रतिशत ) ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं।
  • भारत में प्रत्येक सात वयस्कों में से एक (13.9 प्रतिशत) की तुलना में, प्रत्येक पांच बच्चों में से एक से अधिक (21.8 प्रतिशत) बच्चा गरीब है।
  • भारत में सबसे गरीब आयु वर्ग के बच्चों में2005-06 से 2015-16 तक एमपीआई मूल्य में सबसे तेजी से कमी आयी है।
  • भारत में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय औसत की तुलना में गरीबी को अधिक तेजी से कम किया है।
  • 2015-2016 में सबसे गरीब राज्य बिहार के एमपीआई मूल्य में सबसे तेजी से कमी देखी गई।

वैश्विक परिदृश्य

  • वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2022 विकासशील क्षेत्रों के 111 देशों के लिए तीव्र बहुआयामी गरीबी का मापन करता है। 
    • इन देशों में 6.1 अरब लोग रहते हैं, जो वैश्विक आबादी का लगभग 75 प्रतिशत है। 
  • 111 देशों में,  लगभग 1.2 अरब लोग ( 19.1 प्रतिशत ) तीव्र बहुआयामी गरीबी में जीवन यापन करते है। इनमें से आधे लोग (593 मिलियन) 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं।
  • वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा गरीबों की संख्या उप-सहारा अफ्रीका (लगभग 579 मिलियन) में है, इसके बाद दक्षिण एशिया मे 385 मिलियन गरीब लोग निवास करते है।
  • कुल वैश्विक गरीबों मे से लगभग 66 प्रतिशत से अधिक मध्यम आय वाले देशों में रहते है।
  • लगभग आधे गरीब (518 मिलियन) गंभीर गरीबी  में जीवन यापन करते हैं, अर्थात उनका वंचित स्कोर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है।
  • वैश्विक स्तर पर लगभग 83 प्रतिशत (964 मिलियन) गरीब लोग ग्रामीण क्षेत्रों में, और 17 प्रतिशत (198 मिलियन) शहरी क्षेत्रों में रहते हैं।
  • पोषण, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता और आवास केवल इन चार संकेतकों में 45.5 करोड़ से अधिक गरीब लोग वंचित हैं। 
    • इनमें से, 34.4 मिलियन भारत में रहते हैं, 2.1 मिलियन बांग्लादेश में और 1.9 मिलियन पाकिस्तान में।
  • जीवन के संकेतकों के छह मानकों में लगभग 41 मिलियन गरीब लोग शामिल हैं
    • इनकी संख्या सबसे ज्यादा उप-सहारा अफ्रीका में पाई जाती है, जहां यह गरीब लोगों (34.2 मिलियन) का 5.9 प्रतिशत है।
  • वैश्विक स्तर पर सभी 10 एमपीआई संकेतकों में गरीब लोगों की संख्या लगभग 4.1 मिलियनहै।

आगे की राह 

  • रिपोर्ट में बेहतर सूचित गरीबी में कमी की नीतियों को सुनिश्चित करने के लिए डेटा संग्रह की गुणवत्ता और आवृत्ति में सुधार करने के लिए कार्रवाई का आह्वान किया गया है।
  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयों के लिए व्यापक विघटन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले गरीबी डेटा को एकत्रित करने के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाना चाहिये।
  • गरीबी के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर डेटा को संबोधित करने के लिए नए संकेतकों को भी शामिल किए जाने चाहिये,जैसे कि काम (अनौपचारिक कार्य सहित), शारीरिक असुरक्षा और घरेलू स्वास्थ्य इत्यादि।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X