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गोल्डीन (Goldene)

हाल ही में, स्वीडन के शोधकर्ताओं ने 'गोल्डीन' बनाया है, जो सोने की एक एकल-परमाणु परत है, जो भविष्य के लिए कई संभावनाओं को खोलता है।

GOLDENE

गोल्डीन के बारे में:

  • 'गोल्डीन' लगभग 100 नैनोमीटर मोटी है (एक नैनोमीटर एक मीटर का एक अरबवां हिस्सा है), जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सबसे पतली सोने की पत्ती (leaf) से लगभग 400 गुना पतली है।
  • इस प्रकार सोना (फ्रीस्टैंडिंग) 2D शीट में तैयार होने वाला पहला धातु बन गया है, जिसमें केवल छह संलग्न परमाणु होते हैं, जबकि त्रि-आयामी (3D) क्रिस्टल में 12 संलग्नपरमाणु होते हैं।
  • इसके निर्माण में प्राचीन जापानी स्मिथिंग (फोर्जिंग कला) तकनीक से प्रेरित मुराकामी के अभिकर्मक के एक संशोधित संस्करण का उपयोग किया गया है।
  • गौरतलब है कि वर्ष 2004 में कार्बन से बने परमाणु-पतले पदार्थ ‘ग्राफीन’ के विकास के बाद से, वैज्ञानिकों ने सैकड़ों 2D सामग्रियों की पहचान की है।

संभावित अनुप्रयोग:

  • वैज्ञानिकों का मानना है कि बेहद पतली, बेहद हल्की सामग्री गोल्डीन संभावित रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में क्रांति ला सकती है।
  • यह मोटे, त्रि-आयामी सोने की तुलना में कहीं अधिक आर्थिक रूप से व्यवहार्य है; क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स, जो अपनी विद्युत चालकता के कारण सोने का उपयोग करते हैं, संभवतः उसी उद्देश्य के लिए अब उन्हें सोने की कम मात्रा की आवश्यकता होगी।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके भविष्य के अनुप्रयोगों में कार्बन डाइऑक्साइड रूपांतरण, हाइड्रोजन-उत्पादक उत्प्रेरक, मूल्य वर्धित रसायनों का चयनात्मक उत्पादन, हाइड्रोजन उत्पादन, जल शोधन आदि शामिल हो सकते हैं।
  • इसके अलावा, वैज्ञानिकों द्वारा गोल्डीन बनाने की तकनीक अन्य धातु की वस्तुओं के पथ-प्रदर्शक के रूप में भी कार्य कर सकती है।
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