शोधकर्ताओं को चीन में एक नए वायरस HKU5-COV-2 का पता चला है।
HKU5-COV-2 वायरस के बारे में
- यह वायरस मर्बेको वायरस फैमिली (कुल) का हिस्सा है जिसमें मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) जैसे घातक वायरस शामिल हैं।
- वर्तमान में यह चीन में चमगादड़ों में पाया गया है। चीन में अनियंत्रित वन्यजीव व्यापार के कारण इसके प्रसार का खतरा बढ़ गया है।
- फिलहाल मनुष्यों में इसके प्रसार का प्रमाण नहीं मिला है किंतु वैज्ञानिकों के अनुसार यह मनुष्यों में भी फैल सकता है और महामारी का कारण बन सकता है।
HKU5-COV-2 के लक्षण
HKU5-CoV-2 इंसानों में प्रसारित होता है तो इसके लक्षण कोविड-19 के हल्के लक्षणों से लेकर MERS जैसे गंभीर लक्षणों तक हो सकते हैं, जैसे- बुखार व ठंड लगना, सांस लेने में समस्या, निमोनिया, किडनी फेल होना तथा कई मामलों में लक्षण प्रकट न होना।
महामारी का कारण
- टीके की अनुपस्थिति : अभी इस वायरस का कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है जिससे इसके प्रसार से महामारी की संभावना हो सकती है।
- निगरानी की कमी : वैश्विक स्तर पर चमगादड़ों एवं अन्य वन्यजीवों में मौजूद वायरस की निगरानी सीमित है। इससे नए वायरस का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
- म्यूटेशन की संभावना : HKUS-CoV-2 का स्पाइक प्रोटीन बंद अवस्था में रहता है किंतु छोटे बदलाव से यह इंसान के लिए संक्रामक बन सकता है।
- टाइप लाइनेज 2 : यह HKUS-CoV-2 का एक टाइप है जो मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
- मनुष्यों के बीच प्रसार : यदि HKU5-CoV-2 में भी कोविड-19 की तरह वायु के जरिए प्रसार की क्षमता विकसित होती है तो यह महामारी का रूप ले सकता है।
- यात्रा एवं व्यापार : यात्रा के दौरान विदेशों में जाने से कोई भी वायरस तेजी से प्रसारित हो सकता है।