- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु ने हाल ही में एक नवाचारपूर्ण हाइड्रोजेल विकसित किया है, जो जल स्रोतों से माइक्रोप्लास्टिक को प्रभावी रूप से हटा और विघटित कर सकता है।
- यह खोज ऐसे समय में आई है जब माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर वैश्विक पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट बन चुका है।
ये सूक्ष्म प्लास्टिक कण समुद्रों, नदियों और पीने के पानी तक में पाए जाने लगे हैं, जिससे जलीय जीवन और मानव स्वास्थ्य दोनों को खतरा है।

हाइड्रोजेल क्या है?
- हाइड्रोजेल एक तीन-आयामी (3D) जल-अवशोषक पॉलिमर नेटवर्क है जो बड़ी मात्रा में पानी को अवशोषित कर सकता है और फिर भी अपनी संरचना बनाए रखता है।
- इसके गुण:
- मुलायम
- लचीला
- जैव-संगत (Biocompatible)
इसे चिकित्सा, औद्योगिक, और पर्यावरणीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
IISc द्वारा विकसित यह हाइड्रोजेल विशेष रूप से माइक्रोप्लास्टिक कणों को पकड़ने और UV लाइट की सहायता से उन्हें तोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
संरचना और कार्यप्रणाली:
यह हाइड्रोजेल तीन प्रकार के पॉलिमर की परतों से बना है:
- काइटोसन (Chitosan) – झींगा और केकड़ों के खोल से प्राप्त एक प्राकृतिक पॉलिमर।
- पॉलीविनाइल अल्कोहल (PVA) – एक सिंथेटिक जल में घुलनशील पॉलिमर।
- पॉलीएनिलीन (Polyaniline) – एक प्रवाहकीय पॉलिमर जो UV लाइट की उपस्थिति में रासायनिक प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करता है।
यह इंटरलिंक्ड संरचना माइक्रोप्लास्टिक कणों से जुड़ने में सक्षम है।
जब इसे अल्ट्रा वायलेट (UV) प्रकाश के संपर्क में लाया जाता है, तो हाइड्रोजेल एक ऑक्सीकरण प्रक्रिया को सक्रिय करता है, जो प्लास्टिक कणों को कम हानिकारक यौगिकों में तोड़ देता है।
प्रमुख विशेषताएँ और नवाचार:
- यह हाइड्रोजेल केवल माइक्रोप्लास्टिक को अवशोषित ही नहीं करता, बल्कि उन्हें विघटित भी करता है।
- इसकी परतदार पॉलिमर संरचना प्रदूषकों को लक्षित रूप से पकड़ने और तोड़ने की क्षमता रखती है।
- इसमें प्रयुक्त काइटोसन जैविक रूप से विघटित होने योग्य है और पॉलीएनिलीन UV-संवेदनशील है, जिससे यह एक सतत (sustainable) समाधान बनता है।
- यह सामान्य जल स्थितियों में कार्य करता है और किसी जटिल बाहरी व्यवस्था की आवश्यकता नहीं होती।
हाइड्रोजेल के अन्य उपयोग:
हाइड्रोजेल पहले से ही कई क्षेत्रों में प्रयुक्त होता है:
- व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में – जैसे टूथपेस्ट, सेनेटरी आइटम।
- चिकित्सा क्षेत्र में – जैसे कॉन्टेक्ट लेंस, घाव पर पट्टियाँ, दवा वितरण प्रणाली।
- औद्योगिक उपयोग में – जैसे एयर कंडीशनिंग के लिए स्नेहक।
- पर्यावरण संरक्षण में – जैसे जल शुद्धिकरण और प्रदूषकों का अवशोषण।
लाभ और चुनौतियाँ:
लाभ:
- कम लागत और आसानी से उपलब्ध सामग्री से निर्मित
- जैव-संगत और पर्यावरण के अनुकूल
- विशेष रूप से माइक्रोप्लास्टिक हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया
- UV प्रकाश के सरल उपयोग से प्लास्टिक को तोड़ने में सक्षम
चुनौतियाँ:
- बड़ी जल निकायों के लिए स्केल-अप करना कठिन
- दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण
- हाइड्रोजेल की पुनः प्रयोगिता और पुनर्जीवन क्षमता पर और शोध की आवश्यकता