(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास)
संदर्भ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आगामी गगनयान मिशन के लिए पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का मूल्यांकन करने हेतु अपना पहला ‘इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-1)’ सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के पृथ्वी के वायुमंडल में पुनर्प्रवेश एवं लैंडिंग के दौरान सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। क्रू मॉड्यूल वह कैप्सूल है जिसमें मानव उड़ान (Human Flight) के दौरान अंतरिक्ष यात्री बैठते हैं।
गगनयान कार्यक्रम के अंतर्गत पहला मानवयुक्त मिशन (Crewed Mission) 2027 में निर्धारित है तथा पहला मानवरहित मिशन इस वर्ष के अंत में संभावित है।
इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप परीक्षण के बारे में
एयर ड्रॉप परीक्षण अंतरिक्ष यान की पृथ्वी पर वापसी की यात्रा के अंतिम चरण का ट्रायल या पुनर्जीवित (Recreates) करता है।
एक विमान या हेलीकॉप्टर विभिन्न परिस्थितियों में अलग-अलग प्रणालियों का परीक्षण करने के लिए अंतरिक्ष यान को ऊँचाई से नीचे छोड़ता है।
इनमें उड़ान के बीच में मिशन के विफल होने पर पैराशूट प्रणाली की तैनाती, पैराशूट न खुलने की स्थिति में प्रणाली का प्रदर्शन और स्पलैशडाउन के दौरान अंतरिक्ष यान का अभिविन्यास एवं सुरक्षा शामिल है।
हालाँकि, यह परीक्षण वास्तविक पुनःप्रवेश परिदृश्यों का अनुकरण नहीं कर सकता है क्योंकि हेलीकॉप्टर अंतरिक्ष यान को पर्याप्त ऊँचाई तक नहीं ले जा सकते हैं।
पुनःप्रवेश परिदृश्य निर्माण के लिए उप-कक्षीय या कक्षीय उड़ानें अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर ले जाती हैं।
अक्टूबर 2023 में इसरो ने टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन (TV-D1) का सफ़ल परिक्षण किया था।
इसके तहत क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन के लिए क्रू मॉड्यूल के साथ उप-कक्षीय उड़ान के लिए एकल-चरणीय परीक्षण वाहन प्रक्षेपित किया गया।
एयर ड्रॉप टेस्ट का तरीका
इस परीक्षण में एक ऐसे परिदृश्य का अनुकरण किया गया जिसमें मिशन को लॉन्च पैड पर ही रोक दिया जाता है और चालक दल को कैप्सूल से बाहर निकाल दिया जाता है। इसे अंजाम देने के लिए एक चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा 4.8 टन के डमी क्रू मॉड्यूल को 3 किमी. की ऊँचाई से गिराया गया।
उड़ान के बाद ऑनबोर्ड एवियोनिक्स सिस्टम ने स्वचालित रूप से वाहन की गति को धीमा करने का कमांड दिया, जिससे 10 पैराशूटों से युक्त पैराशूट प्रणाली सक्रिय हो गई। पैराशूटों ने कैप्सूल को सुरक्षित स्पलैशडाउन गति तक सफलतापूर्वक धीमा कर दिया।
गगनयान मिशन के लिए महत्त्व
मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए सुरक्षित क्रू सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता होती है।
पैराशूट पृथ्वी पर पुनः प्रवेश के दौरान अंतिम चरण की पुनर्प्राप्ति (रिकवरी) प्रणाली है।
यह सुनिश्चित करता है कि आपातकालीन निरस्तीकरण परिदृश्यों में भी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रूप से वापस आ सकें।
यह भारत के पहले क्रू मिशन से पहले व्यवस्थित योग्यता परीक्षणों का हिस्सा है।
यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल की पुनःप्रवेश और लैंडिंग के दौरान सुरक्षित पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
इसरो अगले वर्ष दूसरा एवं तीसरा मानवरहित मिशन ‘जी-2’ व ‘जी-3’ भी प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रहा है।