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अवैध ऋण ऐप

चर्चा में क्यों

हाल ही में, नियमित बैंकिग चैनलों से बाहर कार्यरत ‘अवैध ऋण ऐप्स’ से संबंधित विभिन्न विषयों पर बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने की।

संबंधित चिंताएँ 

  • इस बैठक में वित्त मंत्री ने अवैध ऋण ऐप्स (Illegal Loan Apps) से संबंधित विभिन्न चिंताओं को व्यक्त किया। इसमें शामिल हैं- 
    • कमज़ोर और निम्न आय के वर्ग के लोगों को अत्यधिक उच्च ब्याज दरें
    • प्रोसेसिंग/छिपे हुए शुल्कों पर ऋण/माइक्रो क्रेडिट की पेशकश 
    • ब्लैकमेंलिंग एवं आपराधिक धमकी
    • मनी लोड्रिंग एवं कर चोरी
    • निजी डाटा का उल्लंघन
    • अनियमित भुगतान एग्रीग्रेटर्स 
    • शेल कम्पनियों, निष्क्रिय गैर-बैकिंग वित्तीय कम्पनियों आदि का दुरुपयोग

बैठक के निर्णय

  • रिज़र्व बैंक सभी वैध ऐप्स की एक ‘श्वेत सूची’ तैयार करेगा। इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा की ऐप स्टोर्स पर केवल ऐसे ‘श्वेत सूची’ वाले ऐप ही होस्ट किये जाएं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक मनी लॉन्ड्रिंग में प्रयोग होने वाले वर्ण संकर/किराये के खातों की निगरानी करेगा। साथ ही, निष्क्रिय गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों (NBFCs) की समीक्षा करेगा/रद्द करेगा ताकि दुरुपयोग न हो सके।
  • भारतीय रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि एक समय सीमा के अंदर भुगतान एग्रीग्रेटरों का पंजीकरण हो। उसके बाद किसी भी गैर-पंजीकृत भुगतान एग्रीग्रेटर को कार्य करने की अनुमति न हो।
  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय शेल कम्पनियों को चिन्हित करेगा और दुरुपयोग रोकने के लिये उनका पंजीकरण समाप्त करेगा।
  • ग्राहकों, बैंक कर्मचारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों एवं अन्य हितधारकों के लिये साइबर सुरक्षा व जागरूकता से संबंधित उपाय किये जाएंगे।
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