(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
संदर्भ
भारत सरकार ने पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (ED) के रूप में तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब IMF हाल ही में पाकिस्तान को बड़े ऋण पैकेज की मंजूरी दे चुका है और भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी।
IMF कार्यकारी निदेशक नियुक्ति के बारे में
- IMF के कार्यकारी बोर्ड (Executive Board) में कुल 25 कार्यकारी निदेशक (Executive Directors) होते हैं। इन्हें सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- कार्यकारी बोर्ड IMF के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के संचालन के लिए जिम्मेदार होता है।
- यह बोर्ड IMF की नीतियों, ऋण पैकेज और वैश्विक आर्थिक रणनीतियों पर निर्णय लेता है।
- भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान के साथ एक साझा समूह (Constituency) का हिस्सा है, और इस समूह का प्रतिनिधित्व एक कार्यकारी निदेशक करता है।
नियुक्ति की प्रक्रिया
- इसमें 8 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और रूस) के एक-एक निदेशक होते हैं, जो अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- शेष 17 निदेशक अन्य देशों के समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- प्रत्येक क्षेत्रीय समूह के देश मिलकर अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं।
- भारत की ओर से केंद्र सरकार नामांकन करती है और कैबिनेट नियुक्ति समिति इसकी मंजूरी देती है।
- कार्यकाल आमतौर पर तीन वर्ष का होता है।
IMF में भारत की एसडीआर हिस्सेदारी
- IMF में भारत के Special Drawing Rights (SDRs) हाल ही में 41 मिलियन डॉलर बढ़े हैं।
- IMF में भारत की रिज़र्व स्थिति भी बढ़कर लगभग 4.75 बिलियन डॉलर हो गई है।
- इससे यह साफ होता है कि भारत की विदेशी मुद्रा भंडार क्षमता मजबूत हो रही है और वैश्विक वित्तीय झटकों का सामना करने में भारत सक्षम है।
हालिया IMF ऋण संबंधी चिंताएं
- IMF ने हाल ही में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के सहायता पैकेज के तहत 1 अरब डॉलर का ऋण जारी किया है।
- साथ ही, IMF ने जलवायु लचीलापन परियोजनाओं (Climate Resilience Projects) के लिए 1.4 अरब डॉलर की अतिरिक्त क्रेडिट लाइन भी दी है।
- भारत ने इस पर चिंता जताई है कि IMF से मिलने वाले फंड का दुरुपयोग पाकिस्तान सैन्य गतिविधियों और आतंकवाद को समर्थन देने में कर सकता है।
निष्कर्ष
डॉ. उर्जित पटेल की IMF में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति भारत के लिए कूटनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अहम है। यह न केवल भारत की वैश्विक आर्थिक नीति को मजबूत करेगा, बल्कि IMF जैसे संस्थानों में भारत की आवाज़ को और प्रभावशाली बनाएगा।
उर्जित पटेल के बारे में
- जन्म: 1963, नैरोबी (केन्या)
- शिक्षा: लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (MPhil), येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में PhD
- करियर: 1990 में IMF से करियर की शुरुआत, 1992 में IMF के डिप्टी रेज़िडेंट रिप्रेजेंटेटिव के रूप में भारत आए।
- RBI गवर्नर: वर्ष 2016 से 2018 तक 24वें गवर्नर रहे। उन्होंने वर्ष 2018 में व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफ़ा दिया।
- अन्य भूमिकाएँ: एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) में उपाध्यक्ष, वित्त मंत्रालय के सलाहकार, और निजी कंपनियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज व IDFC में वरिष्ठ पदों पर कार्य।
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