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भारत एनर्जी स्टैक

विद्युत मंत्रालय ने भारत के विद्युत क्षेत्र के लिए डिजिटल आधार तैयार करने के उद्देश्य से ‘भारत एनर्जी स्टैक’ (India Energy Stack: IES) के क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है। 

भारत एनर्जी स्टैक (IES) के बारे में 

  • यह विद्युत मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक एकीकृत, सुरक्षित एवं अंतरसंचालनीय डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) विकसित करना है। 
  • यह एक मानकीकृत, सुरक्षित एवं ओपन प्लेटफ़ॉर्म होगा जो संपूर्ण विद्युत मूल्य श्रृंखला (Electricity Value Chain) के लिए डिजिटल आधार तैयार करेगा। 
  • यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक मजबूत डिजिटल रीढ़ प्रदान करता है।

उद्देश्य एवं लाभ 

  • नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण : IES नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे- सौर, पवन) को ग्रिड में प्रभावी ढंग से एकीकृत करने में मदद करेगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा और नेट जीरो लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता मिलेगी।
  • बेहतर प्रबंधन : वास्तविक समय डाटा साझाकरण एवं विश्लेषण के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति व मांग का बेहतर प्रबंधन संभव होगा
  • DISCOMs की दक्षता में वृद्धि : यूटिलिटी इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (UIP) के माध्यम से डिस्कॉम्स को वास्तविक समय की जानकारी व विश्लेषण उपलब्ध होगा, जिससे बिजली वितरण में दक्षता बढ़ेगी।
    • इसके अलावा बिलिंग, मीटरिंग एवं रखरखाव में पारदर्शिता व सटीकता सुनिश्चित होगी, जिससे वित्तीय नुकसान कम होगा।
  • पारदर्शी और विश्वसनीय सेवाएँ : उपभोक्ताओं को भविष्य के लिए तैयार ऊर्जा सेवाएँ प्रदान करना।
  • ग्रिड स्थिरता : इसके माध्यम से ग्रिड के मांग-आपूर्ति संतुलन को रीयल-टाइम डाटा के आधार पर बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना।

स्टैक की प्रमुख विशेषताएँ 

  • अद्वितीय पहचान (Unique IDs) : उपभोक्ताओं, संपत्तियों और लेनदेन के लिए विशिष्ट पहचान
  • वास्तविक समय डाटा साझाकरण : सहमति-आधारित डाटा साझाकरण की सुविधा
  • ओपन एपीआई (Open APIs) : विभिन्न प्रणालियों के बीच निर्बाध एकीकरण
  • उपभोक्ता सशक्तिकरण : बाजार पहुंच एवं नवाचार के लिए उपकरण

कार्यान्वयन

  • टास्क फोर्स : विशेषज्ञों की एक समर्पित टास्क फोर्स IES के विकास और राष्ट्रीय रोलआउट को निर्देशित करेगी।
  • प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (PoC) : इसमें यूटिलिटी इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (UIP) का परीक्षण शामिल है जो वास्तविक समय की जानकारी एवं स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन प्रदान करेगा।
  • पायलट क्षेत्र : मुंबई, गुजरात एवं दिल्ली के डिस्कॉम्स में UIP का परीक्षण।

महत्व 

IES उसी प्रकार ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाएगा, जैसे आधार ने पहचान और यूपीआई ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में की। यह भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और नेट जीरो लक्ष्यों की दिशा में बढ़ने में सहायता करेगा।

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