गाजियाबाद नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत सतत जल प्रबंधन के लिए भारत का पहला प्रमाणित ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी किया है।
इस पहल के माध्यम से ₹150 करोड़ की राशि जुटाई गई, जिससे 40 मिलियन लीटर प्रतिदिन (MLD) क्षमता वाले एक अत्याधुनिक टर्शियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (TSTP) का निर्माण किया गया है।
टर्शियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (TSTP)
TSTP उन्नत मेम्ब्रेन निस्पंदन तकनीकों का उपयोग करता है, जिसमें माइक्रोफिल्ट्रेशन, अल्ट्राफिल्ट्रेशन, नैनोफिल्ट्रेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) शामिल हैं।
इन तकनीकों के माध्यम से उपचारित जल उच्चतम मानकों को पूरा करता है, जिससे इसे औद्योगिक प्रक्रियाओं में पुनः उपयोग किया जा सकता है।
इस संयंत्र को 95 किमी. लंबी पाइपलाइन नेटवर्क से जोड़ा गया है जो गाजियाबाद के 1,400 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को उपचारित जल की आपूर्ति करता है।
यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (PPP-HAM) के तहत विकसित की गई है, जिसमें 40% वित्तीय योगदान नगर निगम द्वारा प्रदान किया गया।
क्या होते हैं ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड
ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड एक विशेष प्रकार का ऋण उपकरण (debt instrument) है, जिसे नगर निगम या स्थानीय निकाय द्वारा पर्यावरणीय परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए जारी किया जाता है।
ये बॉन्ड उन निवेशकों से धन जुटाते हैं जो सतत विकास और हरित परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं।
लाभ
पर्यावरण संरक्षण को वित्तीय सहायता
स्थानीय निकायों के लिए वैकल्पिक वित्तीय स्रोत
निवेशकों को सुरक्षित और ESG (पर्यावरण, समाज और शासन) केंद्रित निवेश विकल्प